Gorakhpur-Shamli Expressway: उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक एक्सप्रेसवे मौजूद हैं और अब एक और नया एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी हो रही है। यह सड़क पूर्वी यूपी के गोरखपुर से शुरू होकर पश्चिमी यूपी के शामली तक जाएगी। फिलहाल, यह एक्सप्रेसवे एक्सटेंशन है, लेकिन जल्द ही इसके निर्माण कार्य की शुरुआत हो सकती है। एक बार यह एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो गया तो गोरखपुर से शामली की दूरी 200 किलोमीटर तक कम हो जाएगी और लोग मात्र 6 घंटे में इस सफर को पूरा कर सकेंगे।
सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
बता दें कि गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे एक 6-लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर होगा, जिसकी कुल लंबाई 700 किलोमीटर होगी। यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है, जो 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा। फिलहाल पश्चिमी यूपी के लोग आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के माध्यम से गोरखपुर तक पहुंचते हैं। हालांकि इस नए एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह दूरी 200 किलोमीटर कम हो जाएगी, जिससे लगभग 6 घंटे की यात्रा का समय बचाया जा सकेगा।
क्या होगा रूट?
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे यूपी के पूर्वी छोर को पश्चिमी छोर से जोड़ेगा। इस हाईवे का निर्माण उत्तर प्रदेश के 22 जिलों से होकर किया जाएगा, जिनमें संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, आगरा और शामली शामिल हैं।
कहां तक पहुंचा काम?
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे की ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट फिलहाल तैयार किया जा रहा है। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक कंसल्टेंट को नियुक्त किया है, जो पूरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार कर रहा है। रिपोर्ट के अंतिम रूप लेने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जानकारी मिली है कि इस एक्सप्रेसवे को बनाने में तकरीब 35,000 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है।
हरिद्वार-मसूरी जाने का सफर होगा आसान
इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद पूर्वी यूपी से पश्चिमी यूपी यानी गोरखपुर से शामली मात्र 6 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। इसके अलावा, शामली से हरिद्वार जाने में केवल 2 घंटे लगेंगे, यानी कोई व्यक्ति गोरखपुर से शामली और फिर हरिद्वार तक सिर्फ 8 घंटे में पहुंच सकता है। गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के बनने से उत्तर प्रदेश में सड़क नेटवर्क और परिवहन व्यवस्था में बड़ा सुधार होगा। यह एक्सप्रेसवे औद्योगिक, आर्थिक और पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।