School Teacher Loved Auto driver: गोरखपुर के सहजनवां क्षेत्र में एक निजी स्कूल में पढ़ाने वाली 25 वर्षीय शिक्षिका घर से स्कूल आने-जाने के दौरान एक ऑटो चालक से प्रेम कर बैठी। धीरे-धीरे यह प्रेम इतना गहरा हुआ कि दोनों ने साथ जीवन बिताने के वादे किए, लेकिन समय के साथ वह रिश्ता टूट गया—इतने बुरी तरह कि शिक्षिका ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। सहजनवा नगर पंचायत की यह शिक्षिका एक निजी स्कूल में कार्यरत है। रोज के सफर ने उसकी जिंदगी में एक नया मोड़ लाया, जब वह स्कूल लाने-ले जाने वाले ऑटो चालक से करीब हुई। संबंध इतने प्रगाढ़ हो गए कि युवती ने उसे अपना जीवनसाथी मान लिया। आरोप है कि युवक ने शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी से इनकार कर दिया।
एक झटके में बदल गई जिंदगी
प्रेमी के शादी से साफ इनकार और परिवार की असहमति के बाद शिक्षिका मानसिक रूप से बुरी तरह टूट गई। मंगलवार को उसने अपने कमरे में रखी भारी मात्रा में दर्द निवारक दवाएं खाकर आत्महत्या की कोशिश की। तबीयत बिगड़ने पर परिवारवालों ने उसे तत्काल सहजनवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां से गंभीर स्थिति में जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, उसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुई है।
कानूनी मोर्चे पर चल रही लड़ाई
इस संबंध में युवती ने ऑटो चालक के खिलाफ शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण और SC/ST एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कराया है, क्योंकि पीड़िता अनुसूचित जाति से आती है। मामले की जांच क्षेत्राधिकारी (सीओ) गीडा कर रहे हैं। पुलिस ने युवती को बयान दर्ज कराने के लिए कई बार नोटिस जारी किया, लेकिन वह बयान देने नहीं पहुंची है। पुलिस का मानना है कि युवती को अब भी उम्मीद है कि युवक शायद पुलिस के दबाव में शादी के लिए मान जाए।
हालांकि युवक के परिवार ने भी इस रिश्ते को मानने से इनकार कर दिया है, जिससे युवती पूरी तरह निराश हो गई।
प्रेम संबंधों में ठुकराना कबूलते नहीं युवा
गोरखपुर की इस घटना से फिर सामने आया कि प्रेम संबंधों में ठुकराया जाना युवाओं को मानसिक रूप से इतना कमजोर बना देता है कि वे अपनी जान देने तक का कदम उठा लेते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, परिवार, स्कूल और समाज की जिम्मेदारी बनती है कि वे ऐसे युवाओं को सही समय पर सही दिशा दें।
महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए कानून तो मौजूद हैं, लेकिन भावनात्मक मामलों में कानून भी सीमित हो जाते हैं। काउंसलिंग और भावनात्मक समर्थन अब स्कूलों और कॉलेजों में जरूरी हो गया है। गोरखपुर की यह घटना एक प्रेम कहानी का दुखद अंत नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों की एक बड़ी मिसाल है। यह बताती है कि रिश्तों में धोखा सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, एक पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करता है।