Ghaziabad News: गाजियाबाद सहित एनसीआर में साइबर अपराध की घटनाएं आए दिन सामने आ रही है। ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद के एक सरकारी चिकित्सक के साथ हुआ है। मोदीनगर के निवाड़ी पीएससी प्रभारी को साईबर अपराधियों ने व्हाट्सएप कॉल करके दो दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करे रखा। इस दौरान आरोपियों ने विभिन्न तरह के आरोप लगाकर उन्हे जेल भिजवाने का डर दिखाकर भयभीत किया और उनसे 46.50 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। ठगी की जानकारी होने पर अब पीड़ित ने गाजियाबाद साइबर थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई है। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
जेल भेजे जाने का दिखाया डर
जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद के गोविंदपुरम में रहने वाले डॉक्टर रविंद्र प्रताप सिंह गाजियाबाद के मोदीनगर स्थित निवाड़ी पीएससी में प्रभारी के पद पर तैनात है। उन्होंने पुलिस में शिकायत करते हुए बताया की कांवड़ यात्रा की ड्यूटी के दौरान उनके पास एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया। इस दौरान बात करने वाले ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया और कहा कि उनके खाते में अवैध लेनदेन हो रहे हैं और वह जांच एजेंसियों के रडार पर है। इस दौरान आरोपी ने उन्हें जेल भेजने का डर दिखाते हुए कहा कि खाते की रकम को उनके बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दें, ताकि उस रकम की जांच की जा सके।
यह भी पढ़ें- गाजियाबाद में बुजुर्ग दंपती को डिजिटल अरेस्ट कर 90 लाख हड़पे, जानिए आप कैसे रह सकते हैं सुरक्षित
46.50 लाख रुपये अपने खाते में कराए ट्रांसफर
इस दौरान पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति ने खुद को पुलिस का बड़ा अधिकारी बताया। कॉल करने वाले ने उन्हे इस मामले में कई सालों तक जमानत नहीं मिलने का डर दिखाया। इसके बाद आरोपियों ने कहा कि वह रुपये को उनके बताए खातों में ट्रांसफर कर दें, दो दिन के अंदर जांच के बाद अगर पैसा गलत नहीं पाया गया, तो वापस कर दिया जाएगा। इसके बाद पीड़ित ने अपने खाते से 46.50 लाख रुपए आरोपियों द्वारा दिए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए। दो दिन बीत जाने के बाद उन्होंने उस नंबर पर फोन किया, मगर आरोपी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद पीड़ित को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ। फिलहाल गाजियाबाद क्राइम थाना पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।