Greater Noida News: यूपी रेरा (उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण) के नाम पर फर्जी आदेश तैयार कर लोन लेने के प्रयास का मामला सामने आया है. गाजियाबाद के डूंडाहेड़ा स्थित एक प्रोजेक्ट से जुड़े बिल्डर एएसजीआई प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ बीटा-2 कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. बिल्डर पर आरोप है कि उसने रेरा का फर्जी आदेश बनवाकर यह दिखाया कि प्रोजेक्ट को समय विस्तार मिल चुका है, जबकि ऐसा कोई आदेश कभी जारी ही नहीं हुआ.
क्या है पूरा मामला ?
गाजियाबाद के सुशांत एक्वापोलिस प्रोजेक्ट स्थित एप्पल टावर के दो टावर में 170 से अधिक यूनिट्स प्रस्तावित हैं. बिल्डर द्वारा प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं किया गया, जिससे इसका रेरा पंजीकरण समाप्त हो गया. इसके बाद बिल्डर ने रेरा में समय विस्तार के लिए आवेदन किया, लेकिन रेरा ने समय विस्तार देने से इनकार कर दिया. हालांकि, आरोप है कि बिल्डर ने रेरा से समय विस्तार मिलने का फर्जी आदेश तैयार करवा लिया. उसे दिखाकर विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लोन मांगने का प्रयास किया.
बायर्स एसोसिएशन ने उठाई आवाज
एएसजी एप्पल बायर्स एसोसिएशन ने 4 अगस्त 2025 को यूपी रेरा को पत्र लिखकर इस फर्जीवाड़े की जानकारी दी. रेरा द्वारा की गई जांच में पाया गया कि बिल्डर के आवेदन पर 24 फरवरी को केवल एक बैठक हुई थी, जिसमें कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए. तथाकथित 3 मार्च 2025 का समय विस्तार आदेश पूरी तरह फर्जी है और रेरा द्वारा जारी नहीं किया गया.
एफआईआर दर्ज, जांच शुरू
इस मामले में यूपी रेरा के ग्रेटर नोएडा कार्यालय के अवर अभियंता रमेश कुमार पांडेय की ओर से बीटा-2 कोतवाली में धोखाधड़ी की तहरीर दी गई. बीटा-दो कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि बिल्डर कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
ये भी पढ़ें: Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में स्ट्रीट डाग्स के लिए बनेगा नसबंदी केंद्र, तीन शेल्टर होम की भी तैयारी