---विज्ञापन---

जेंडर चेंज कराकर ‘शरद’ बनी, 23 नवंबर को बरात लेकर जाएगी काकोरी कांड के शहीद की पड़पोती

Gender Change For Marriage: बचपन से हाव-भाव लड़कों जैसे थे, इसलिए जेंडर चेंज करा लिया और लड़का बन गई, अब शादी करने जा रही है, पढ़ें अनोखी प्रेम कहानी...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Oct 30, 2023 12:05
Share :
Sharad Engaged With Savita
Sharad Engaged With Savita

Gender Change Story of Sarita Aka Sharad: जेंडर चेंज कराकर लड़की से लड़का बनी और गलफ्रेंड से सगाई कर ली। अब शादी की तारीख भी तय हो गई है। 23 नवंबर को बरात जाएगी। दोनों के परिवार वाले शादी की तैयारियों में जुटे हैं। गत शुक्रवार को सगाई की रस्में निभाई गईं। दूल्हा दोनों पैरों से दिव्यांग है और बचपन से ही उसके हाव भाव लड़कों जैसे थे, जिसके चलते उसने जेंडर चेंज कराने का फैसला लिया। यह अनोखी प्रेम कहानी है, काकोरी कांड के शहीद ठाकुर रोशन सिंह की पड़पोती सरिता की, जो अब दूल्हा शरद है और उसकी होने वाली दुल्हन पीलीभीत की सविता है।

यह भी पढ़ें: इतनी भयानक मौत! हाथ-पैर चेन से बांध ताला लगाया, सिर से घुटनों तक कट्टा पहनाया, तड़पा-तड़पा कर मारा

---विज्ञापन---

सगाई हुई, शादी की तैयारियों में जुटा परिवार

सरिता ने पिछले साल सर्जरी कराकर जेंडर चेंज कराया। थेरेपी से उनके चेहरे पर दाढ़ी-मूछें भी आ गईं हैं। सर्जरी के बाद 5 महीने बाद शरद को पुरुष होने का सर्टिफिकेट मिला और सरिता को शरद रोशन सिंह के रूप में नई पहचान मिल गई। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में शरद के पैतृक गांव नवादा दारोवस्त में इंगेजमेंट सेरेमनी हुई। उसी दिन 23 नवंबर को शादी की तारीख तय हुई। शरद ददरौल विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय 7वां खुर्द में असिस्टेंट प्रोफेसर है। पीलीभीत जनपद के देवहा गांव निवासी वीरेंद्र पाल सिंह चौहान की बेटी सविता सिंह से उनकी शादी तय हुई है। शरद ने सगाई की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की।

यह भी पढ़ें: जानलेवा बनी लापरवाही! 16 महीने की बेटी को कार में भूला पिता, दम घुटने से मौत हुई

---विज्ञापन---

मां ने फैसले का विरोध किया, बाद में साथ दिया

शरद सिंह बताते हैं कि वह दोनों पैरों दिव्यांग हैं। लड़की से लड़का बनने का फैसला लेना भी काफी मुश्किलों से भरा रहा। बचपन से ही हाव-भाव लड़कों जैसे थे। बीएड करने के बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करके 2020 में नौकरी ली। भावलखेड़ा के स्कूल में पहली पोस्टिंग मिली। निगोही रोड पर किराये का मकान लिया। सरकारी नौकरी लगने के बाद ही जेंडर बदलवाने का फैसला लिया। परिवार वालों को इसके बारे में बताया तो उन्होंने भी सहयोग किया। शुरुआत में मां फैसले के खिलाफ थीं, लेकिन बाद में उन्होंने भी साथ दिया। अब उनका हेयर स्टाइल और ड्रेसअप पुरुषों जैसा है। जेंडर बदलवाने से पहले काउंसिलिंग भी कराई।

यह भी पढ़ें: FB फ्रेंड से हुआ इश्क और 2 बच्चों को छोड़ चली गई पाकिस्तान, अब कहती- आ रही हूं वापस, बहुत दुखी हूं

सर्विस बुक में भी बदल गई शरद की पहचान

शरद ने बताया कि शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में काउंसिलिंग कराई। इसके बाद लखनऊ में हॉर्मोनल थेरेपी लेकर शरद बने। साल 2021 में एक्सपर्ट डॉक्टरों से सर्जरी करवाई। ऑपरेशन के कुछ महीनों बाद दाढ़ी-मूंछ आग गई तो काफी सुकून मिला। जेंडर बदलवाने के लिए BSA कार्यालय में बातचीत करके परमिशन ली। अनुमति मिलने के बाद उनकी सर्विस बुक में भी जेंडर बदल दिया गया। अब वह समाज के लिए सरिता नहीं शरद हैं। सविता ने भी उन्हें शरद के रूप में स्वीकार कर लिया है। शरद कहते हैं कि वे अपनी नई पहचान से खुश हैं। उन्हें किसी तरह की शारीरिक समस्या नहीं है।

HISTORY

Written By

Khushbu Goyal

First published on: Oct 30, 2023 11:56 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें