साल 2019 में कुंभ में गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने का एक प्लान बनाया गया। जिसका 2020 में DPR बनाया गया और फिर कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी। इस एक्सप्रेसवे को आने वाले समय में इसे 8 लेन तक विस्तार किया जा सकता है। इसके लिए क्षेत्र के किसानों से उनकी जमीनें खरीदी गई हैं। अब एक्सप्रेसवे के काम का ताजा अपडेट सामने आया है। साथ ही इस पर भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग की प्रेक्टिस भी कल से शुरू होने जा रही है। जानिए पूरा एक्सप्रेसवे कब तक खोला जा सकता है।
2 मई से लैंडिंग का पूर्वाभ्यास
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रयागराज से जोड़ने वाले देश के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का काम तेजी से किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे को इसी साल नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात ये है कि इसमें शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेसवे पर साढ़े तीन किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनाई जा रही है। इसके लिए 2 मई को भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग की प्रैक्टिस शुरू की जाएगी। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के किनारे कई औद्योगिक क्लस्टर भी बनाए जा रहे हैं। इसे प्रदेश के दूसरे एक्सप्रेसवे से भी जोड़ने का काम किया जा रहा है।
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कितना काम पूरा?
गंगा एक्सप्रेसवे का अब तक 85 फीसदी काम किया जा चुका है। एक्सप्रेसवे के लिए 18,000 एकड़ भूमि किसानों से खरीदी गई है। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण 4 पैकेजों में किया जा रहा है। इसको नवंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसमें आपातकालीन स्थितियों में प्लेन की लैंडिंग और टेक-ऑफ किया जा सकेगा। इसके अलावा, इस पट्टी का इस्तेमाल एम्बुलेंस समेत इमरजेंसी सेवाओं के लिए भी किया जाएगा।
किन गांव को करेगा कवर?
यह एक्सप्रेसवे यूपी के कई जिलों को कवर करेगा, जिसमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज समेत कुल 12 शहरों को का नाम शामिल है। इसके अलावा, इसके बनने से सीधे 518 गांवों को फायदा मिलेगा। आपको बता दें कि एक्सप्रेसवे की कुल अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपये है।
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