गाजियाबाद से मोहम्मद युसूफ की रिपोर्ट
Ghaziabad News: गाजियाबाद के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने छवि खराब करने के मामले में कविनगर पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया है। वीके सिंह ने कविनगर पुलिस को दी शिकायत में बताया कि एक यूट्यूब चैनल के संपादक और शिक्षाविद ने सही तथ्यों को जांचे बिना उनके बारे में साइट पर पोस्ट डाली। जिससे उनकी छवि खराब हुई है।
मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पूर्व सेना अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कविनगर पुलिस थाने में एक यूट्यूब चैनल के संपादक और शिक्षाविद के खिलाफ पुलिस कमिश्नर को लिखित में शिकायत दी है। पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद गाजियाबाद के कविनगर थाने में संपादक और शिक्षाविद के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बी 356(2) एन एस), 2023 ,भारतीय न्याय संहिता (बी 356(3) एन एस), 2023 ,भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस), 2023 352 ,भारतीय न्याय संहिता (बी 61(2) एन एस), 2023 5 सूचना प्रोधौगिकी (संशोधन) अधिनियम के तहत मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है।
जानें वीके सिंह ने एफआईआर काॅपी में क्या लिखा?
जर्नल VK सिंह ने लिखित शिकायत मे लिखा है यूट्यूब चैनल के संपादक और शिक्षाविद द्वारा बिन तथ्य/साक्ष्यों (दस्तावेजों) के निराधार, ग्रामक, तथ्यहीन खबर चलाने सहित सामाजिक / मानसिक / शारिरिक पीडा पहुंचाने पर उक्त चैनल / पोर्टल व रिपोर्टर के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में कानूनी कार्यवाही करने के सम्बन्ध में ।
श्रीमान, पुलिस कमिश्नर महोदय संविधान, विधि / विधान एवं कानून में क्या कोई ऐसा प्रावधान है या कोई ऐसा संशोधन हुआ है, कि कोई भी न्यूज चैनल/पोर्टल स्वच्छ छवि एवं मा. गण के विरुद्ध बिना तथ्यों / साक्ष्यों (दस्तावेजों / वीडियो) के निराधार, भ्रामक, तथ्यहीन, झूठी खबर चला सकता है, यदि हां तब मुझ प्रार्थी को उस अधिनियम / नियमावली या कानून अधीन उन पृष्ठों की सत्यापित प्रति अवश्य उपलब्ध कराएं और यदि ऐसा नहीं है, तब बिना कोताही / लापरवाही बरतें अविलंब यूट्यूब चैनल के संपादक के विरुद्ध कानून की सुसंगत धाराओं में सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही के आदेश जारी किए जाएं, जोकि बिन्दुवार आपके समक्ष प्रस्तुत है।
ये भी पढ़ेंः पाकिस्तान पहुंचा भारत का दुश्मन! शहबाज शरीफ ने दिया था जाकिर नाइक को बुलावा, ये है आगे का प्लान
शिकायती पत्र में की गई ये मांग
प्रथम बिन्दुः- देश / प्रदेश के प्रख्यात पूर्व सेना जनरल (रिटायर्ड) एवं पूर्व सांसद (केन्द्रीय राज्यमंत्री-भारत सरकार) श्री वी.के. सिंह एवं सांसद के विरुद्ध उक्त चैनल रिपोर्टर द्वारा बिन तथ्य / साक्ष्यों (दस्तावेजों) के किस आधार पर यू-ट्यूब पर खबर चलाई?
द्वितीय बिन्दुः- उक्त चैनल / पोर्टल द्वारा देश / प्रदेश के अति सम्मानित पूर्व सेना जनरल (रिटायर्ड) एवं पूर्व सांसद (केन्द्रीय राज्यमंत्री-भारत) के विरुद्ध खबर चलाई गई थी। तब तमाम तथ्य / साक्ष्यों (दस्तावेजों / वीडियो) को अपने चैनल/पोर्टल पर क्यों नही दिखाया गया? उक्त खबर में कहीं से कहीं तक भी उचित तथ्य/साक्ष्यों (दस्तावेजों / वीडियो) की प्राप्ति क्यों नहीं कराई गई?
तृतीय बिन्दुः- उक्त चैनल / पोर्टल एवं Editor-in-Chief / रिपोर्टर को इलैक्ट्रोनिक मीडिया एवं प्रिंट मीडिया से सम्बंधित नियम-प्रावधान या कायदे-कानून की नाममात्र भी जानकारी है अथवा नहीं ? यदि जानकारी होती तो बिन तथ्य / साक्ष्यों (दस्तावेजों / वीडियो) के खबर चलाने की इतनी बडी हिमाकत नहीं करते, वो भी देश के पूर्व जनरल (रिटायर्ड) एवं पूर्व सांसद (केन्द्रीय राज्यमंत्री- भारत सरकार) के विरुद्ध ।
चतुर्थ बिन्दुः- उक्त चैनल / पोर्टल एवं Editor-in-Chief/ रिपोर्टर द्वारा बिन तथ्य/ साक्ष्यों (दस्तावेजों / वीडियो) के खबर चलाने से प्रार्थी के रूप में पूर्व सेना जनरल एवं पूर्व सांसद (केन्द्रीय राज्यमंत्री – भारत सरकार) को सम्पूर्ण देश / प्रदेश में सामाजिक / मानसिक / शारिरिक पीडा का असहनीय सामना करना पड रहा है ।
ये भी पढ़ेंः बिहार में बाढ़ से मचा ‘हाहाकार’, 16 जिले पानी में डूबे, खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं कोसी-गंडक
पंचम बिन्दुः- उपरोक्त प्रकरण के सम्बन्ध में उक्त चैनल / पोर्टल रिपोर्टर ने योजनाबद्ध तरीके से मुझ प्रार्थी की सहित विदेश में धूमिल करने छवि को देश/प्रदेश सामाजिक/मानसिक / शारिरिक पीडा पहुंचाने का जो जघन्य अपराध किया है, वह न तो माफी के काबिल है और नजर अंदाज करने के काबिल है। उक्त प्रकरण के सम्बन्ध में उपरोक्त चैनल / पोर्टल एवं Editor-in-Chief/ रिपोर्टर तथा शिक्षाविद के विरुद्ध सक्षम धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है फिलहाल पुलिस ने मुकदमा दर्ज कार मामले की जांच शुरू कर दी है।