Farmer Father Gifted a Tractor To Daughter Wedding: अक्सर ऐसा देखा जाता है कि भारत में ज्यादातर घरों में बेटियों को एक बोझ माना जाता है। हालांकि, अब समाज और जमाने दोनों की सोच धीरे-धीरे बदल रही है। अब लोग अपनी बेटियों को आत्मनिर्भर बना रहे हैं, ताकि उनकी लड़की किसी पर भी किसी तरह का बोझ न बने। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से सामने आया है, जहां एक किसान ने अपनी बेटी को गिफ्ट में महंगी गाड़ी की बजाय ट्रैक्टर दिया है। गिफ्ट में ट्रैक्टर देकर किसान ने अपनी बेटी की शादी को अनोखा बना दिया है। किसान ने बताया कि उसने गिफ्ट में ये ट्रैक्टर इसलिए दिया है ताकि उसकी बेटी ससुराल में किसी पर बोझ न बने। सभी लोग किसान के फैसले को अनोखी पहल बता रहे हैं।
गाजियाबाद में अनोखी शादी, किसान ने बेटी को गिफ्ट में दिया ट्रैक्टर!
---विज्ञापन---गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के कुसलिया गांव में एक किसान ने अपनी बेटी की शादी में अनोखी मिसाल पेश की है। महंगी गाड़ी देने के बजाय ससुराल पक्ष को गिफ्ट में ट्रैक्टर देकर किसान की खूब सराहना हो रही है। pic.twitter.com/6ENauKIrJ4
— Pooja Mishra (@PoojaMishr73204) December 22, 2024
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गिफ्ट में ट्रैक्टर देने का फैसला
ये मामला गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के कुसलिया गांव का है। गांव के किसान सकील बेग ने कुछ दिनों पहले ही अपनी बेटी की शादी की। इस शादी में उन्होंने एक अनोखी मिसाल पेश की है, जिसकी हर तरफ खूब सराहना की जा रही है। उन्होंने शादी में अपनी बेटी को गिफ्ट में महंगी गाड़ी देने के बजाय ट्रैक्टर दिया। फैसले को लेकर सकील बेग ने बताया कि उन्होंने सोचा कि उनकी बेटी के ससुराल पर किसी तरह का बोझ न पड़े। मेरी बेटी का ससुराल पक्ष भी किसान है, इसलिए घर के सभी लोगों ने विचार-विमर्श करने के बाद गिफ्ट में ट्रैक्टर देने का फैसला किया।
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हर तरफ हो रही तारीफ
उन्होंने आगे बताया कि उनके परिवार के बाकी सदस्य भी इस फैसले से बेहद खुश हैं। वहीं, परिजन हुमायूं मिर्जा ने सकील बेग के इस फैसले को एक सकारात्मक पहल बताया है। उन्होंने कहा कि यह एक बेहतरीन उदाहरण है। यह दिखाता है कि कैसे एक किसान अपने परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फैसले लेता है। सकील बेग के इस फैसले ने न केवल क्षेत्र में बल्कि समाज में भी एक नई सोच को बढ़ावा दिया है। ये पहल बताती है कि दिखावे से ज्यादा व्यावहारिकता जरूरी है, यह एक सकारात्मक सोच है।