Earthquake Uttarkashi: नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने बताया कि सोमवार तड़के उत्तराखंड के उत्तरकाशी (Uttarkashi) में 3.1 तीव्रता का भूकंप (Earthquake) आया। NCS के अनुसार, भूकंप उत्तरकाशी, उत्तराखंड के 24km ESE में लगभग 1:50 बजे आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप की गहराई जमीन से 5 किमी नीचे थी।
बता दें कि इससे पहले छह नवंबर को उत्तराखंड के टिहरी में रिक्टर पैमाने पर 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था। फिलहाल, भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।
An earthquake of magnitude 3.1 occurred 24km ESE of Uttarkashi, Uttarakhand at around 1:50 am. The depth of the earthquake was 5 km below the ground: National Center for Seismology pic.twitter.com/oc0T3Xqheh
— ANI (@ANI) December 18, 2022
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जानें, क्यों आता है भूकंप
सरंचना के मुताबिक, पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। प्लेटों के नीचे तरल पदार्थ है जिस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती है। कई बार ये प्लेट्स आपस में टकराती और ज्यादा दबाव पड़ने से ये प्लेट्स टूटने भी लगती है। ऐसे में नीचे उत्पन्न हुई उर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है और जब इससे डिस्टर्बेंस बनता है तो भूकंप आता है।
कितनी तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक
- 0 से 1.9- सिर्फ सिस्मोग्राफी से पता चलेगा।
- 2 से 2.9- हल्के झटके लगते हैं।
- 3 से 3.9- कोई तेज रफ्तार गाड़ी आपके बगल से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
- 4 से 4.9- खिड़कियां हिलने लगती है। दीवारों पर टंगे सामान गिर जाते हैं।
- 5 से 5.9- घरों के अंदर रखे सामान जैसे फर्नीचर आदि हिलने लगते हैं।
- 6 से 6.9- कच्चे मकान और घर गिर जाते हैं। घरों में दरारें पड़ जाती है।
- 7 से 7.9- बिल्डिंग और मकानों को नुकसान होता है। गुजरात के भुज में 2001 और नेपाल में 2015 में इतनी तीव्रता का भूकंप आया था।
- 8 से 8.9- बड़ी इमारतें और पुल धाराशायी हो जाते हैं।
- 9 और उससे ज्यादा- सबसे ज्यादा तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे भी धरती हिलती हुई दिखेगी। जापान में 2011 में सुनामी के दौरान रिक्टर स्केल पर तीव्रता 9.1 मापी गई थी।
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