---विज्ञापन---

उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

एक्सप्रेस-वे के 500 मीटर के दायरे में आने वाले गांवों की बदलेगी सूरत, जीडीए ने शुरू की तैयारी

Uttar Pradesh Ghaziabad News : गाजियाबाद अथॉरिटी एक्सप्रेस-वे किनारे में आने वाले गांवों में विकाय कार्य कराएगी। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली है। बताया जा रहा है कि दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे 77 गांवों को चिन्हित किया गया है।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Mar 16, 2025 18:00
expressway
expressway

Uttar Pradesh Ghaziabad News (जुनेद अख्तर) : दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ के 500-500 मीटर के क्षेत्र में आने वाले गांवों में विकास कार्य कराए जाएंगे। गाजियाबाद अथॉरिटी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली है। अधिकारियों ने इन गांवों की सूची तैयार कर जीडीए वीसी को सौंप दी है।

बोर्ड मीटिंग में रखा जाएगा प्रस्ताव

---विज्ञापन---

गाजियाबाद अथॉरिटी के मुताबिक,इन गांवों की सूची एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने तैयार की थी, जिन्हें जीडीए क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव था। अब अथॉरिटी इस प्रस्ताव को 18 मार्च को होने वाली बोर्ड मीटिंग में रखेगा। जीडीए अधिकारियों का कहना है कि यह प्रस्ताव एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने 2018 में तैयार किया था। इसमें कहा गया था कि एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ के गांवों में विकास कार्य चल रहे हैं। लेकिन प्लानिंग के साथ ऐसा नहीं किया जा रहा है। यह क्षेत्र जिला पंचायतों के दायरे में है। ऐसे में इसे अथॉरिटी के दायरे में लेकर विकास किया जा सकता है।

शासन स्तर पर होगा फैसला

---विज्ञापन---

जीडीए इस प्रस्ताव को अपनी बोर्ड मीटिंग में शामिल करेगा। बोर्ड मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद फिर इसे एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजा जाएगा। जहां से वह इस प्रस्ताव को शासन को भेजेंगे। फिर शासन की ओर से इस पर निर्णय लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि गाजियाबाद के लोनी और मोदीनगर समेत बागपत के खेखड़ा में ईस्‍टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 51 गांव हैं। वहीं दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के किनारे के 26 गांव मोदीनगर और गाजियाबाद शहर से करीब हैं।

पेरिफरेल के किनारे 51 और मेरठ एक्सप्रेस-वे के किनारे 26 गांव

सूत्रों का कहना है कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के किनारे 51 गांव और मेरठ एक्सप्रेस-वे के किनारे 26 गांव आ रहे हैं। इन सभी गांव में फिलहाल विकास कार्य ठप पड़े हैं। गांव के लोगों का कहना है कि गाजियाबाद अथॉरिटी ही यहां विकास कार्य करा सकती है। वह पहले भी कई बार इसकी मांग कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि अगर प्रस्ताव को जीडीए की बैठक में मंजूरी मिलती है तो इन गांवों के विकास में चार चांद तो लगेंगे ही। साथ ही जीडीए के अधिकार क्षेत्र में भी बढ़ोतरी होगी।

बोर्ड मीटिंग में मिल सकती है मंजूरी

जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स का कहना है कि इन गांवों की सूची एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने तैयार की थी, जिन्हें जीडीए क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव को 18 मार्च को होने वाली बोर्ड मीटिंग में रखने की तैयारी है। बोर्ड मीटिंग में मंजूरी मिलने के बाद इसे एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को वापस भेज दिया जाएगा।

 

 

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Mar 16, 2025 06:00 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें