Uttar Pradesh Ghaziabad News (जुनेद अख्तर) : दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का अधूरा काम भी पूरा कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि अब दिल्ली से बागपत तक करीब 32 किलोमीटर लंबे दोनों सेक्शन का केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान से सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। वहीं, सूत्रों के मुताबिक, अप्रैल के आखिर तक इसका उद्घाटन होने की पूरी उम्मीद है। जिसके बाद इस एक्सप्रेसवे पर वाहन दौड़ने लगेंगे।
15 किलोमीटर का हिस्सा गाजियाबाद और बागपत में
जानकारी के मुताबिक,दिल्ली में 17 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड है। 15 किलोमीटर का हिस्सा गाजियाबाद और बागपत सीमा में है। बागपत के पास मवीकला गांव में एक्सप्रेसवे को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले एक्सप्रेसवे का उद्घाटन होना था, लेकिन कुछ तकनीकी कमियां मिलने के कारण उद्घाटन कार्यक्रम टाल दिया गया था। NHAI के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार का कहना है कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के दोनों खंड के अधूरे कार्य पूरे हो गए हैं। अब इसका सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। इसके बाद ही उद्घाटन की तारीख तय की जाएगी।
दिल्ली से देहरादून का सफर 2.5 घंटे में
National Highways Authority of India (NHAI) के अधिकारी का दावा है कि सभी अधूरे कार्य पूरे हो गए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण काम एक्सपेंशन जॉइंट का काम था। पहले जो एक्सपेंशन जॉइंट थे, वह मानक के हिसाब से नहीं थे। इस बार दोनों सेक्शन के एक्सपेंशन जॉइंट मानक के हिसाब से लगाए हैं। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान से अब दोनों सेक्शन का सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। एनएचआई का दावा है कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे कॉरिडोर परियोजना का लक्ष्य दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को 6 घंटे से घटाकर 2.5 घंटे करना है।
3 एक्सप्रेसवे आपस में जुड़ेंगे
एक्सप्रेसवे अक्षरधाम से लक्ष्मीनगर, गीता कॉलोनी, लोहे का पुल (कैलाश कॉलोनी),शास्त्री पार्क न्यू उस्मानपुर, करतार नगर, खजूरी खास चौक, बिहारीपुर, अंकुर विहार, शारदा सिटी, पावी पुश्ता (लोनी), मंडोला एनबीसीसी टाउनशिप से बापगत के (मवीकला) तक है। अक्षरधाम से बागपत तक यह तैयार हो चुका है। इस एक्सप्रेसवे को बागपत में ईस्टर्न पेरिफेरल से जोड़ा गया है। ईस्टर्न पेरिफेरल पहले से ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ा हुआ है। इस तरह तीनों एक्सप्रेसवे आपस में जुड़े जाएंगे। इससे लोगों को राहत मिलेगी।
निर्माण कार्य कई बार हुआ बंद
यह परियोजना वर्ष 2023 में पूरी होनी थी, लेकिन एक्सप्रेसवे के दोनों सेक्शन का काम पिछड़ गया। पहले काम पूरा होने का दावा 31 मार्च का था। इसके बाद 15 मई और 15 अगस्त की तारीख तय हुई। दिल्ली के हिस्से में बड़ी मशीन और मजदूर शुरू में कम लगाए गए थे। वहीं, गाजियाबाद में सर्विस रोड के लिए करीब 50 मीटर जमीन पर विवाद था। यह जमीन आवास विकास परिषद् को एनएचएआई को उपलब्ध करानी थी। विवाद के चलते समय पर जमीन नहीं मिल सकी थी। जमीन का विवाद सुलझने पर एक्सपेंशन जॉइंट मानक के हिसाब से नहीं पाए गए। इस तरह परियोजना में देरी हो गई।