Ghaziabad Municipal Corporation: अभी तक आपने ज्यादातर विधायकों और सांसदों की सदस्यता पर खतरे के बादल मंडराते हुए देखे होंगे, लेकिन दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) के 29 पार्षदों की सदस्यता को लेकर खतरे की घंटी बज रही है। अलग-अलग मामलों को लेकर इन पार्षदों के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
शिकायत में ये लगे आरोप
गाजियाबाद नगर निगम में इस बार निकाय चुनाव 2023 के बाद 100 पार्षद जीतकर सदन पहुंचे हैं। इनेम से 29 के खिलाफ अलग-अलग लोगों ने कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की हैं। एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले महीने 26 पार्षदों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, जबकि हाल ही में तीन और पार्षदों के खिलाफ भी याचिका दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में इन पार्षदों की सदस्यता तक को चुनौती दी है। उधर, कोर्ट भी इन शिकायतों को लेकर सख्त है।
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पार्षदों का मांगा गया रिकॉर्ड
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन पार्षदों ने नामांकन के दौरान अपने प्रपत्रों में कई गलतियां की हैं। किसी ने अपना गलत जाति प्रमाण पत्र लगाया है तो कोई साइन करना ही भूल गया है। लगभग सभी 29 पार्षदों के खिलाफ ऐसी ही शिकायतें सामने आई हैं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर कोर्ट में इन पार्षदों की सदस्यता को चुनौती दी गई है। उधर, जिले के निर्वाचन विभाग की ओर से भी पार्षदों के रिकॉर्ड मांगे हैं।
इन पार्टियों के इतने पार्षद
बता दें कि सबसे ज्यादा भाजपा पार्षदों के खिलाफ शिकायत कोर्ट पहुंची है। 29 में से 15 पार्षद भाजपा के, 2 समाजवादी पार्टी के, एक बसपा का, दो आम आमदी पार्टी के एक AIMIM का और छह निर्दलीय शामिल हैं।