Contaminated Water: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) जिले से एक होश उड़ा देने वाली खबर सामने आई है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यहां के मोहम्मदी कस्बे के सरैया इलाके में दूषित पानी (Contaminated Water) पीने से पिछले दो सप्ताह में 5 बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि 9 बच्चे बीमार हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग के एक सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है।
और पढ़िए –Auraiya Sinking: जोशीमठ के बाद अलीगढ़ और बागपत, अब ओरैया में फर्श और छतें दरकीं, लोगों की उड़ी नींद
472 घरों का किया गया निरीक्षण
जिले के अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अनिल कुमार गुप्ता के नेतृत्व में स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम ने शनिवार को यहां का दौरा किया। 472 घरों का सर्वेक्षण किया। जहां उन्हें दूषित पानी बच्चों की मौत के मुख्य कारण के रूप में मिला।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि चार साल के मोहम्मद अजान और 14 महीने की उमरा की पिछले हफ्ते मौत हो गई थी। इससे पहले 10 साल से कम उम्र के तीन अन्य बच्चों की लक्षणों के आधार पर डायरिया जैसी बीमारी से मौत हो गई थी।
सीवर लाइन से होकर जा रही है पानी की लाइन
उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्र का सर्वेक्षण करने के बाद हमने पाया कि नल के पानी की पाइपलाइन एक सीवर लाइन से गुजर रही थी। पानी संभवतः दूषित था। हमने जल बोर्ड से नमूने लेने और शुद्ध व स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा है। अभी तक क्षेत्र में डेंगू या मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन फिर भी हमने इलाके में एंटी-लार्वा स्प्रे का छिड़काव किया है।
बेटी को पहले उल्टियां हुईं, दवाई देने के बाद मौत
उमरा के पिता नूर मोहम्मद ने बताया कि मेरी बेटी बीमार हो गई। वह काफी उल्टियां करने लगी। परिवार वालों को लगा कि शायद वह खाना नहीं पचा पा रही है, लेकिन स्थानीय क्लिनिक से दवा लेने के कुछ घंटों के बाद ही उसकी मौत हो गई। बताया गया है कि साफ-सफाई की खराब स्थिति और दूषित पानी के कारण उसकी मौत हुई है।
समाज के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग की अपील
उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी मुश्किल से इस इलाके की सफाई करते हैं। हमें नहीं पता कि उनके खिलाफ शिकायत कैसे करें? इसी बीच देखा गया कि क्षेत्र में पांच वर्ष से कम उम्र के कई बच्चों का टीकाकरण नहीं किया गया था। इसके बाद अधिकारियों ने बुजुर्ग सदस्यों और इलाके की स्थानीय मस्जिद के मौलवियों के साथ बैठक कीं, ताकि लोगों को अपने बच्चों का टीकाकरण कराने के लिए जागरूक किया जा सके।
सीएमओ ने जारी किया ये बयान
खीरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) संतोष गुप्ता ने बताया कि हमने पांच परिवारों की पहचान की है, जहां पिछले दो हफ्तों में बच्चों की मौत हुई है। उनमें से किसी ने भी स्वास्थ्य विभाग से संपर्क नहीं किया था। घर पर अपने बच्चों का इलाज कर रहे थे। मौतों के पीछे प्राथमिक कारण डायरिया के साथ बुखार था।
स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल उठाए ये कदम
मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और टाइफाइड समेत विभिन्न बीमारियों के लिए 61 नमूनों का परीक्षण किया गया है। सभी जांच नैगेटिव आई हैं। इलाके में फॉगिंग भी की गई है। हमने स्थानीय लोगों से अनुरोध किया है कि वे झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने के बजाय सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से संपर्क करें। अधिकारियों ने कहा कि बुखार और संक्रमण से पीड़ित नौ बच्चों का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है। शनिवार को 76 बच्चों को टीका लगाया गया।
और पढ़िए –देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें