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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

BrahMos Missile: भारत के डिफेंस प्रोडक्शन को मजबूत करने की तैयारी, जानिए यूपी में बनने वाली ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत

BrahMos Missile: अब ब्रह्मोस मिसाइल का प्रोडक्शन उत्तर प्रदेश में किया जाएगा। इसके लिए बीते दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्चुअली जुड़कर मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट का उद्घाटन किया। इस दौरान यूपी के सीएम योगी भी मौजूद रहे।

Author Edited By : Shabnaz Updated: May 12, 2025 06:39
Brahmos Missile

BrahMos Missile: पिछले कुछ दिनों से भारत का पाकिस्तान के साथ तनाव चल रहा है। इस दौरान दोनों देशों ने एक- दूसरे पर हमले किए। हालांकि, ये बात अलग है कि भारत के डिफेंस सिस्टम के आगे पाकिस्तान का डिफेंस सिस्टम काम नहीं कर पाया। दुश्मन को टक्कर देने के लिए भारत के पास एक से एक बेहतर हथियार हैं, उन्हीं में से एक ब्रह्मोस मिसाइल है। जंग के हालात के बीच भारत के डिफेंस प्रोडक्शन को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश में ब्रह्मोस प्लांट का उद्घाटन किया गया है। यानी अब यूपी में ब्रह्मोस मिसाइल बनाई जाएगी।

नौकरियां होंगी पैदा- राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे में ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि ‘मुझे वैसे तो लखनऊ आना था, लेकिन देश के हालात को देखते हुए मेरी ज्यादा जरूरत दिल्ली में है।’ उन्होंने कहा कि ‘आज व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए एक बड़ा दिन है, क्योंकि मुझे लखनऊ को रक्षा विनिर्माण केंद्र (Defence Manufacturing Hub) बनाने के उद्देश्य का एहसास हुआ है।’ राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘इसके बनने से 500 डायरेक्ट नौकरियां और 1,000 इनडायरेक्ट नौकरियां पैदा होंगी।’

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दुनिया की सबसे तेज ब्रह्मोस मिसाइल

ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल कहा जाता है। अब ब्रह्मोस का लखनऊ में उत्पादन किया जाएगा, साथ ही यहां पर इससे संबंधित सात दूसरी यूनिट्स भी बनाई जाएंगी। इस यूनिट में करीब 300 करोड़ रुपये की लागत आई है। ब्रह्मोस मिसाइल 290-400 किमी की रेंज और 2.8 मैक की रफ्तार से सटीक हमला करने में सक्षम है। इसे जमीन, समुद्र या हवा से भी लॉन्च कर सकते हैं।

साथ ही यह मिसाइल फायर एंड फॉरगेट सिस्टम पर काम करती है। हर साल यूनिट में 100 से 150 अगली पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइलें भी बनाई जाएंगी। अगली पीढ़ी की मिसाइल का वजन 2,900 किलोग्राम से कम करते हुए 1,290 किलोग्राम कर दिया गया है, जिसकी रेंज 300 किलोमीटर से ज्यादा होगी। सुखोई जैसे लड़ाकू विमान अभी तक एक ही मिसाइल ले जाते हैं, लेकिन कम वजन वाली ये तीन मिसाइलें ले जाई जा सकेंगी।

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First published on: May 12, 2025 06:28 AM

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