Bijnor Teacher Viral reels case: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से बीते दिनों शिक्षिकाओं की रील्स से जुड़ा मामला सामने आया था। इसी मामले को लेकर अब एक नया मोड़ सामने आया है, जहां स्कूली बच्चों के कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को उस सरकारी प्राथमिक विद्यालय पढ़ने के लिए भेजना बंद कर दिया है। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल में बढ़ाने वाली चार शिक्षकाएं छात्रों को उनके सोशल मीडिया पर पोस्ट होने वाले वीडियोज को लाइक और सब्सक्राइब करने के लिए मजबूर करती हैं। उनका कहना है कि शिक्षकाएं अपने शिक्षण कार्य को छोड़कर खुद क प्रचार करने पर जोर दे रही हैं। आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ वीडियो क्लिप में शिक्षिकाओं को आपत्तिजनक गानों पर नृत्य करते हुए देखा गया है।
मामले में गठित हुई तीन सदस्यीय टीम
मामले के वायरल होने के बाद अमरोहा के जिलाधिकारी राजेश कुमार त्यागी ने मामले की जांच के लिए महिला अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम बनाकर मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से पहले ही प्रारंभिक जांच रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपी जा चुकी है। अमरोहा के जिलाधिकारी राजेश कुमार त्यागी ने गठित की गई जांच समिति को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
छात्रों पर होता था वीडियो लाइक करने का दबाव
जिले के खुंगावली क्षेत्र में स्थित प्राथमिक विद्यालय में 400 से अधिक छात्रों की संख्या दर्ज है। कक्षा 5 के एक छात्र ने मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि हमारे शिक्षिकाएं डान्स करते हुए रील्स बनाती हैं और फिर ऑनलाइन अपलोड करके हमसे सोशल मीडिया पर शेयर करने और लाइक करने के लिए कहती हैं। छात्र का कहना था कि हमें घर पर मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करने दिया जाता है लेकिन जब स्कूल से दबाव होता हैम तो हम अपनी शिक्षिकाओं के वीडियो को लाइक करने के लिए फोन उधार तक लेना पड़ता है।
शिक्षिकाओं ने सोशल मीडिया पर अकाउंट होने से किया इंकार
आरोपी शिक्षिकाओं में एक शिक्षिका ने अपनी वायरल हुई रील्स को लेकर कहा कि “डांस हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा है। जब तक हम इन बच्चों के सामने करके नहीं दिखाएंगे तो वे कैसे सीखेंगे? शिक्षिका ने सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का अकाउंट होने से मना किया है। इसके अलावा उनका कहना है कि हम कभी भी किसी छात्र पर कुछ भी करने का दबाव नहीं डालते हैं।” इस मामले में स्कूल के प्रधानाध्यापक कमल गुप्ता ने बच्चों की ओर शिक्षिकाओं को लेकर की जा रही बातों का खंडन किया है।