Azam Khan Regarding Big verdict in MP MLA Court: उत्तरप्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान फिर जेल जाने से बच गए. वर्ष 2019 में दर्ज भड़काऊ भाषण के केस में लखनऊ की एमपी,एमएलए कोर्ट ने आज़म खान को बरी कर दिया. कोर्ट से राहत मिलने के बाद आज़म खान ने शुक्रिया करते हुए कहा कि हमारा जीवन बेदाग है, ये हमारे जीवन का सच है,हम तमंचे बेचने वाले नही हैं,हमने गरीबों को घर दिए और जेलें काटी हैं. इससे पहले 7 नवंबर को आजम खान को 2019 में दर्ज मानहानि केस से बरी किया गया था.
2019 का क्या था हेट स्पीच केस, जिसमें हुए बरी
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान सपा के प्रत्याशी होते हुए आजम खान ने सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र में 23 अप्रैल को चुनावी सभा की थी,जिसके अगले दिन यानी 24 अप्रैल 2019 को सहायक रिटर्निंग अफसर एवं तत्कालीन एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश तिवारी ने सिविल लाइंस कोतवाली में आजम खान के खिलाफ केस दर्ज कराया था. आरोप था कि चुनावी सभा में आजम खान ने वोटर्स को उकसाते हुए चुनाव आयोग पर अभद्र टिप्पणियां की थीं.
7 नवंबर को मानहानि केस में बरी हुए थे आजम
आज़म ख़ान इसी 7 नवंबर को लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में दर्ज 6 साल पुराने मानहानि के मामले से बरी हुए थे. एमपी एमएलए कोर्ट ने ही उन्हें बरी किया था. आजम खान के खिलाफ 2019 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मानहानि का केस दर्ज हुआ था. आजम खान के खिलाफ 2019 में सरकारी लेटर पैड और मोहर का गलत इस्तेमाल कर वैमनस्यता फैलाने, मानहानि करने के मामले में केस दर्ज किया गया था. 2014 में कैबिनेट मंत्री रहते हुए आज़म ख़ान पर सरकारी लेटर हेड,मुहर का गलत इस्तेमाल कर भाजपा,आरएसएस और शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद को बदनाम कर राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचाने का मामला दर्ज कराया था.









