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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

500 साल की लीगल हिस्ट्री से लेकर हनुमान गैलरी तक, जानें रामकथा संग्रहालय में क्या-क्या होगा खास?

Ayodhya News: अयोध्या में रामकथा संग्रहालय के सुंदरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। जल्द ही इस संग्रहालय में लोगों को राम जन्मभूमि की 500 साल के कानूनी इतिहास के दस्तावेज देखने को मिलेगी। इसके साथ ही कई और अद्वितीय व अनूठी चीजों के दर्शन भी भक्त यहां कर पाएंगे।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jun 29, 2025 22:06
ram katha museum
रामकथा म्यूजियम

Ayodhya News: अयोध्या में सरयू नदी के तट स्थित रामकथा संग्रहालय के सुंदरीकरण कार्य तेजी से हो रहा है। इस संग्रहालय में देशभर के दुर्लभ ग्रंथ और पांडुलिपि व चित्र लोगों को देखने को मिलेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निर्माण समिति की बैठक के एक दिन बाद, इसके अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने रविवार को संग्रहालय की प्रगति और भगवान राम की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कथा को संरक्षित और प्रस्तुत करने के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा की राम कथा संग्रहालय अभी शुरुआती चरण में हैं। अभी वहां पर सिविल वर्क चल रहा है। हमारा लक्ष्य इस कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण कराने का है।

संग्रहालय में होंगी 20 दीर्घाएं

संग्रहालय में लगभगवान 20 दीर्घाएं होंगी। इसके साथ ही तकनीक का प्रयोग करके भगवान राम की कथाओं और तथ्यों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां पर ग्राउंड फ्लोर पर दो गैलरी होंगी। इन गैलरिज में राम जन्मभूमि के 500 साल तक की लीगल हिस्टी होगी। इसके साथ ही खुदाई के दौरान मिलीं कलाकृतियों को भी यहां प्रदर्शित किया जाएगा।

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बेसमेंट में होगी हनुमान गैलरी

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि संग्रहालय के बेसमेंट में फीचर गैलरी देखने को मिलेगी। जहां आप जान सकेंगे कि पूरी दुनिया में भगवान राम की पूजा कैसे की जाता है। इसके साथ ही यहां हनुमान गैलरी भी होगी, जो आईआईटी चेन्नई द्वारा डेवलप की जा रही है। इसका काम नवंबर या दिसंबर में पूरा होने की उम्मीद है। यहां भगवान राम और हनुमान जी की लीलाओं की 7D डॉक्यूमेंट्री देख सकेंगे।

अयोध्या में राम कथा संग्रहालय को दिल्ली के प्रधानमंत्री म्यूजियम तर्ज बनाया जा रहा है। जहां डिजिटल टेक्नीक से प्रभु राम की गाथा को समझा जा सकेगा। इसके साथ ही यहां पर दुनियाभर में प्रचलित अलग-अलग भाषाओं और रूपों में लिखी गई रामायण भी देखने को मिल सकती हैं। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल कर भक्तों को श्रीराम के जीवन को बेहतर तरीके से समझाया जाएगा।

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कुबेर टीला तक रोड बनाने की है योजना

उन्होंने बताया कि भक्तों को कुबेर टीला आदि स्थानों तक ले जाने के लिए मार्ग बनाने की भी योजना है। ट्रस्ट इस बात पर विचार कर रहा है कि श्रद्धालुओं की संख्या कैसे मैनेज की जाए। कुबेर टीला जैसे कुछ स्थलों की सुरक्षा पर भी ध्यान में रखा जाएगा, क्योंकि ये टीला ज्यादा भार नहीं सह सकता है। अभी यहां की वर्तमान क्षमता एक समय में 700 से 1000 लोगों की है, बाकी पहलुओं पर भी विचार किया जा रहा है।

First published on: Jun 29, 2025 10:06 PM

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