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अयोध्या में बिना लोहे और स्टील के बना राम मंदिर, जानें Ram Mandir से जुड़े 10 अहम फैक्ट

Ayodhya Ram Mandir Related Facts : अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी पूरी हो गई है। राम मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं, जिसके बारे में आप नहीं जानते हैं।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Jan 21, 2024 11:12
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Ayodhya Ram Mandir Related Facts
श्रीराम मंदिर से जुड़े 10 रोचक फैक्ट।

Ayodhya Ram Mandir Related Facts : अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है। सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर में ना तो लोहे का इस्तेमाल किया गया है और ना ही स्टील। ऐसी टेक्नोलॉजी से मंदिर का निर्माण किया गया है, जिससे ये हजारों सालों से तक ऐसा ही रहेगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को अब 24 घंटे शेष बचे हैं। इसे लेकर देश-विदेश में जश्न का माहौल है। आइये जानते हैं कि अयोध्या में बने राम मंदिर के बारे में 10 बड़े फैक्ट्स।

पढ़ें राम मंदिर से जुड़े 10 रोचक तथ्य

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1. अयोध्या में राम मंदिर का क्षेत्र 2.7 एकड़ में फैला हुआ है। मंदिर का निर्मित क्षेत्र 57,400 स्क्वायर फीट है।

2. अगर मंदिर के फिजिकल डायमेंशन की बात करें तो इसकी लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट है। शिखर समेत मंदिर की कुछ ऊंचाई 161 फीट है। तीन फ्लोर में बने मंदिर की हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है।

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3. पिलर द्वारा श्रीराम मंदिर का निर्माण किया गया है। ग्राउंड फ्लोर में 160 पिलर हैं, जबकि फर्स्ट फ्लोर 132 पिलरों पर टिका हुआ है। सेकंड फ्लोर में 74 पिलर हैं।

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4. तीन फ्लोर वाले राम मंदिर में प्रत्येक फ्लोर की ऊंचाई 20 फीट के साथ डिजाइन किया गया है। हर फ्लोर में पर्याप्त जगह है, ताकि भविष्य में कोई भी धार्मिक कार्यक्रम हो सके।

5. धार्मिक महत्व के साथ ही राम मंदिर की कल्पना एक सांस्कृतिक हब के रूप में की जाती है। मंदिर में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक का समावेश भी नजर आएगा।

6. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में स्टील या लोहे का उपयोग नहीं किया गया है। इसके निर्माण में ट्रेडिशनल कंस्ट्रक्शन मैटेरियल्स का इस्तेमाल किया गया है। इससे सदियों तक मंदिर खड़ा रहेगा।

7. मुख्य मंदिर में राजस्थान के भरतपुर जिले से आए गुलाबी बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया है। साथ ही मंदिर की दीर्घायु के लिए ग्रेनाइट का उपयोग किया गया। सफेद मकराना संगमरमर और रंगीन संगमरमर का उपयोग हुआ है।

8. मंदिर के निर्माण में राम नाम की ईंटों का इस्तेमाल किया गया है, जिन्हें राम शिला के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि ये ईंटें राम सेतु के निर्माण में उपयोग किए गए पत्थरों के बराबर हैं।

9. नेपाल की गंडकी नदी में पाए जाने वाले शीलाग्राम पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। हिंदू धर्म में शालीग्राम को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है।

10. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अनुसार, मंदिर के सौंदर्यीकरण और आर्किटेक्चर से लेकर संपूर्ण कार्यों में 1800 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 5 फरवरी 2020 से लेकर 31 मार्च 2023 के बीच राम मंदिर के निर्माण में 900 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।

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Edited By

Deepak Pandey

First published on: Jan 21, 2024 10:40 AM

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