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इलाहाबाद HC: लखनऊ पीठ के जस्टिस शमीम अहमद की गाय को लेकर अपील, डिप्टी सीएम बोले- मैं स्वागत करता हूं

Lucknow: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ खंड पीठ (Lucknow) ने केंद्र सरकार से देश में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए उचित कानून बनाने की मांग की है। खंडपीठ ने कहा है कि गायों को ‘राष्ट्रीय संरक्षित पशु’ घोषित किया जाना चाहिए। बताया गया है कि खंडपीठ ने […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Mar 5, 2023 19:39
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Lucknow, Cow

Lucknow: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ खंड पीठ (Lucknow) ने केंद्र सरकार से देश में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए उचित कानून बनाने की मांग की है।

खंडपीठ ने कहा है कि गायों को ‘राष्ट्रीय संरक्षित पशु’ घोषित किया जाना चाहिए। बताया गया है कि खंडपीठ ने यह अपील बाराबंकी के एक मामले की सुनवाई के दौरान कही। इस पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया आई है।

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न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने ने सुनवाई में कहा

जानकारी के मुताबिक गोकशी के एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने हिंदू धर्म में गायों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पुराणों के अनुसार, जो कोई भी गायों को मारता है या दूसरों को मारने की अनुमति देता है, इस अपराध को नरक में सड़ने योग्य माना जाता है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। केंद्र सरकार देश के मौजूदा हालात को देखते हुए इस मुद्दे पर क्या करना चाहती है, इस बारे में फैसला करेगी।

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गाय की रक्षा और पूजा करनी चाहिए

न्यायमूर्ति अहमद ने यह भी कहा कि चूंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। जहां हमें सभी धर्मों का सम्मान होता है। इसी के तहत हिंदू धर्म में यह विश्वास है कि गाय दैवीय और प्रकृति का प्रतिनिधि करती है। इसलिए इसकी रक्षा और पूजा की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि समाज में गायों को देवी की उपाधि दी गई है। इसके अलावा शुद्धि संस्कारों के लिए गाय के दूध, दही, मक्खन, मूत्र और गोबर का इस्तेमाल किया जाता है।

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हाईकोर्ट ने मामले को रद्द करने से इनकार किया

बताया गया है कि हाईकोर्ट ने बाराबंकी के मोहम्मद अब्दुल खालिक के खिलाफ आपराधिक मामले को रद्द करने से इनकार करते हुए ये टिप्पणियां कीं। आरोपी पर गाय की हत्या और उसे बेचने के लिए ले जाने का आरोप लगाया गया था। कोर्ट ने हिंदू धर्म की मान्यताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ब्रह्मा ने पुजारियों और गायों को एक ही समय में जीवन दिया ताकि पुजारी धार्मिक ग्रंथों का पाठ कर सकें, जबकि गाय का घी अनुष्ठानों में चढ़ा सकें।

पीठ ने कहा, समुद्र मंथन में निकली थी गाय

न्यायमूर्ति अहमद ने कहा हिंदू धर्म के सभी पशुओं में गाय सबसे पवित्र है। इसे कामधेनु, दिव्य गाय और सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। पीठ ने यह भी कहा कि किंवदंतियों के अनुसार समुद्रमंथन के समय समुद्र से गायें निकली थीं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पीठ ने 14 फरवरी को पारित अपने आदेश में कहा कि यह अदालत भी आशा और विश्वास करती है कि केंद्र सरकार देश में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने और इसे ‘संरक्षित राष्ट्रीय पशु’ घोषित करने के लिए उचित निर्णय ले सकती है।

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Written By

Naresh Chaudhary

First published on: Mar 05, 2023 05:07 PM

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