अलीगढ़ में गुरुवार को उस समय माहौल गर्मा गया जब नगर निगम की टीम समाजवादी पार्टी (सपा) के एक कार्यालय को अवैध बताते हुए जांच के लिए पहुंची। निगम की गाड़ियों को आते देख सपा कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए और विरोध करने लगे। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस और कहासुनी शुरू हो गई। नगर निगम का कहना है कि यह निर्माण बिना अनुमति के किया गया है, जबकि सपा नेताओं का आरोप है कि यह कार्रवाई जानबूझकर की जा रही है ताकि विपक्ष को दबाया जा सके। मौके पर पुलिस बल भी तैनात रहा।
नगर निगम टीम पहुंची, सपा कार्यकर्ताओं ने किया विरोध
शहर में गुरुवार को उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब नगर निगम की टीम समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यालय को अवैध निर्माण बताते हुए जांच के लिए मौके पर पहुंची। यह कार्यालय शहर के एक प्रमुख क्षेत्र में स्थित है। नगर निगम की टीम के पहुंचते ही सपा के कई कार्यकर्ता भी वहां इकट्ठा हो गए और विरोध दर्ज कराने लगे। देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच कहासुनी शुरू हो गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
नगर निगम का पक्ष
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि यह निर्माण बिना किसी वैध अनुमति के किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें इस कार्यालय को लेकर एक लिखित शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। मौके पर नगर निगम के अलावा PWD और राजस्व विभाग की टीम भी मौजूद रही। अधिकारियों ने बताया कि अभी यह सिर्फ जांच प्रक्रिया है और किसी भी तरह की अंतिम कार्रवाई जांच पूरी होने के बाद ही की जाएगी।
सपा का आरोप
वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया। सपा महानगर अध्यक्ष अब्दुल हमीद घोसी ने कहा कि नगर निगम की यह कार्रवाई विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश है। उन्होंने बताया कि यह कार्यालय काफी समय से चल रहा है और अचानक इसे अवैध घोषित करना साफ तौर पर राजनीतिक दबाव का परिणाम है। उन्होंने निगम की कार्रवाई का विरोध करते हुए टीम को कार्य करने से रोक दिया, जिससे जांच अधूरी रह गई।
अधूरी रह गई जांच, आगे फिर होगी कार्रवाई
घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि स्थिति नियंत्रण में बनी रहे। जांच टीम को सपा कार्यकर्ताओं के विरोध के कारण बिना पूरी जांच किए ही वापस लौटना पड़ा। नगर निगम अधिकारियों ने कहा कि वे जल्द ही दोबारा मौके का निरीक्षण करेंगे और जरूरी दस्तावेजों की जांच करके आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। दूसरी तरफ सपा ने साफ कर दिया है कि वे इस मुद्दे को लेकर पीछे नहीं हटेंगे और न्याय के लिए संघर्ष करेंगे।