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15 हजार की कैपेसिटी, बायोमेट्रिक, CCTV, ट्रिपल लेवल सिक्योरिटी : कुछ ऐसे होंगे UP के डिटेंशन सेंटर

अवैध प्रवासियों पर यूपी सरकार ने एक्शन शुरू कर दिया है. सीएम योगी की तरफ से अधिकारियों को ऐसे लोगों की लिस्ट बनाने के लिए कहा गया है.

Author Edited By : Arif Khan
Updated: Dec 6, 2025 17:17
Detention center
सीएम योगी ने हर मंडल में डिटेंशन सेंटर बनाने का आदेश दिया है.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में बसे अवैध प्रवासियों पर एक्शन की शुरुआत कर दी है. हालही सरकार ने 17 नगर निकायों को इसके संबंध में निर्देश दिए थे. निकायों से कहा गया था कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की लिस्ट बनाई जाए. इसके साथ ही हर मंडल में डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए भी सीएम की ओर से कहा गया था. ऐसे ही एक डिटेंशन सेंटर का मॉडल सामने आया है. यह मॉडल पश्चिम यूपी में बनने वाले सेंटर का है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम यूपी के कमिश्नर ने डिटेंशन सेंटर का मॉडल सरकार को भेजा है. गृह मंत्रालय इस मॉडल की समीक्षा करेगा. डिटेंशन सेंटर तकनीकी सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्थाओं से चाक चौबंद होंगे.

रखे जा सकते हैं 15 हजार लोग

सरकार को भेज गए मॉडल में डिटेंशन सेंटर की कैपेसिटी 15 हजार लोगों की रखे जाने की बताई गई है. यहां पुरुष और महिलाओं को एक ही कैंपस में रखने की बात कही गई है. हालांकि, उनके लिए अलग-अलग सुविधाएं और सुरक्षा का जिक्र किया गया है. यहां सिक्योरिटी के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करने की सिफारिश की गई है. मॉडल में कहा गया है कि डिटेंशन सेंटर में केंद्रीय सुरक्षा बलों के 50 कर्मियों की पर्मानेंट नियुक्ति हो. साथ ही इन सेंटरों की तीन स्तर सिक्योरिटी की भी सिफारिश की गई है.

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बायोमेट्रिक से होगी एंट्री

डिटेंशन सेंटर में सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक सिस्टम लगाया जाएगा. सेंटर में एंट्री थंब इप्रेशन या फेस रिकॉग्निशन से मिलेगी. इसके लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा, जहां से एंट्री के लिए ग्रीन सिग्लन मिलेगा.

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क्या हैं सीएम योगी के आदेश

मुख्यमंत्री ने साफ आदेश दिए हैं कि हर मंडल में डिटेंशन सेंटर तैयार किए जाएं. पहले चरण में इन सेंटरों की लोकेशन तय की जाएगी. इसके साथ ही वहां की सुरक्षा व्यवस्था और अवैध प्रवासियों की शिफ्ट करने का खाका बनाया जाएगा. सरकार की ओर से आदेश जारी होते ही अधिकारियों ने संदिग्ध विदेशी नागरिकों का डेटा खंगालना शुरू कर दिया है. जो भी संदिग्ध लगेगा, उसकी आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी के जरिए जांच की जाएगी. किसी के भी पास संदिग्ध कागजात मिलने पर उसकी रिपोर्ट तुरंत कमिश्नर ऑफिस को की जाएगी.

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सीएमओ से होगी मॉनिटरिंग

सरकार की ओर से इस एक्शन के लिए एक समय सीमा तय की गई है. साथ ही कहा गया है कि इस पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग सीधे सीएमओ से होगी. अधिकारियों को साफ कहा गया है कि संदिग्धों की पहचान करने, लिस्ट बनाने, और हिरासत में लेने की कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए.

First published on: Dec 06, 2025 04:14 PM

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