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भाजपा की दोस्तवादी सरकार वेलफेयर स्कीमों को “फ्री की रेवड़ी” बोलकर गरीबों का मजाक बनाना बंद करें: मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को एक प्रेस-कॉफ्रेंस के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के दोस्तवाद के मॉडल पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि आज देश में जनकल्याण के लिए चल रही योजनाओं को “फ्री की रेवड़ी” बोलकर भाजपा द्वारा आम जनता का मजाक बनाने की राजनीति चल रही है। […]

Edited By : Yashodhan Sharma | Updated: Aug 13, 2022 19:02
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Union Budget 2023, Manish Sisodia, Arvind Kejriwal, Delhi News
Manish Sisodia

नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को एक प्रेस-कॉफ्रेंस के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के दोस्तवाद के मॉडल पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि आज देश में जनकल्याण के लिए चल रही योजनाओं को “फ्री की रेवड़ी” बोलकर भाजपा द्वारा आम जनता का मजाक बनाने की राजनीति चल रही है।

एक ओर भाजपा जहां दोस्तवाद के मॉडल पर चलते हुए अपने चंद दोस्तों के लाखों करोड़ों के टैक्स व लोन माफ़ कर रही है, वहीं देश के करोड़ों लोगों को मिलने वाली जनकल्याण योजनाओं को मुफ्त की रेवड़ियां बता रही है। भाजपा के अनुसार, उसके चंद दोस्तों के लाखों करोडो के टैक्स व लोन माफ़ करने से देश का विकास हो रहा है और जनता के टैक्स के पैसों से जनता को मिलने वाली शिक्षा-स्वास्थ्य सहित अन्य बुनियादी जरूरतों की चीजें मुफ्त की रेवड़ी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी ने देश के लोगों को डराने का प्रयास किया है। उनके अनुसार यदि आम जनता के लिए जनकल्याण योजनाएँ चलती रही तो देश बर्बाद हो जाएगा।

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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज देश के सामने गवर्नेंस के 2 मॉडल है। पहला मॉडल दोस्तवाद का मॉडल है, जहाँ सत्ता में बैठे भाजपा के लोग अपने परिवारों-दोस्तों की मदद करते है। इसमें भाजपा द्वारा अपने चंद दोस्तों के लाखों-करोड़ों रुपए का टैक्स व लोन माफ कर दिया जाता है और इसे डेवलपमेंट का नाम दिया जाता है। दूसरी तरफ एक मॉडल है जहां जनता के टैक्स के पैसों का इस्तेमाल अच्छे सरकारी स्कूल, अस्पताल, जरुरी दवाइयों का इंतजाम करने, जनता को बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं फ्री में देने, बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवाने उन्हें पेंशन देने में, महिलाओं को बस में फ्री सफ़र देने के लिए किया जाता है। यानि कि पहले मॉडल में जनता के टैक्स के पैसों का इस्तेमाल चुनिंदा दोस्तों के टैक्स व लोन को माफ़ किया जा रहा है और दूसरे मॉडल में जनता के टैक्स के पैसे का इस्तेमाल करोड़ों लोगों के वेलफेयर के लिए किया जा रहा है।

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा के दोस्तवाद के मॉडल में उनके दोस्तों-करीबियों के 5 लाख करोड़ रूपये के टैक्स और 14 लाख करोड़ रूपये के लोन माफ़ कर दिए जाते है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी को यह देखना चाहिए कि दोस्तवाद के इस मॉडल से आम जनता पर क्या असर होता है? उन्होंने कहा कि देश में आज यदि कोई किसान अपने लोन की क़िस्त न चुका पाए तो दोस्तवादी मॉडल की सरकार व उसके लोग उस किसान के घर जाकर उसकी जमीन छीन लेते है, उसकी कुर्की कर देते है| ये दोस्तवादी मॉडल चंद लोगों के लाखों करोड़ों रुपए के टैक्स व लोन तो आसानी से माफ़ कर देता है लेकिन किसानों की क़िस्त माफ नहीं करता।

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उन्होंने आगे कहा कि दोस्तवादी मॉडल की सरकार फ्री शिक्षा देने की कागजों में बेशक कितनी भी बातें कर ले लेकिन जमीनी तौर पर इसमें यकीन नहीं करती है। दोस्तवादी मॉडल का मानना है कि सरकारी स्कूलों को इतना घटिया व ख़राब बना दो कि लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढाने को मजबूर हो जाए और यदि कोई पेरेंट्स किसी मज़बूरी में अपने बच्चे की 1 माह की फीस नहीं चुका पाता तो उसका बच्चे चाहते कितना भी प्रतिभाशाली हो, दोस्तवादी मॉडल उसे स्कूल से बाहर निकलने को मजबूर कर देता है, उसके लिए स्कूल के दरवाजे बंद कर देता है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दोस्तवादी मॉडल सरकारी अस्पतालों को बेहतर बनाने पर विश्वास नहीं करता है| इसलिए देशभर में सरकारी अस्पतालों को दुर्दशा हो रखी है और लोग इलाज करवाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर होते है, जहां उन्हें भारी फीस चुकानी पड़ती है| वही दूसरी तरफ आम आदमी को उसके टैक्स के पैसे से बेहतर इलाज व दवाइयां फ्री मिले तो दोस्तवादी मॉडल के लोग इसे फ्री की रेवड़ियाँ बाँटना कहते है। जबकि उनके लिए अपने दोस्तों के 5 लाख करोड़ के टैक्स व 14 लाख करोड़ के लोन माफ़ करना फ्री की रेवड़ी नहीं है।

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि कल केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी ने कहा कि लोगों को उनके टैक्स के पैसों से मिलने वाले वेलफेयर स्कीम से देश बर्बाद हो जाएगा। उन्हें दुनिया के उन विकसित देशों से सीखना चाहिए, हम जिनकी अर्थव्यवस्था के बराबर जाने की बात करते है। उन्होंने कहा कि इन देशों के विकसित होने का कारण यह है कि ये देश लम्बे समय से अपनी जनता के वेलफेयर के लिए निवेश कर रहे है| ऐसे कुल 39 विकसित देश है जो अपने बच्चों को फ्री शिक्षा देने में यकीन करते है। वहां हेल्थ-केयर फ्री है, पानी फ्री है, कई देश ऐसे है, जहाँ बच्चों के पैदा होते ही सरकार द्वारा उनके बैंक अकाउंट खोल दिए जाते है, चाहे वो अमीर घर से हो या गरीब घर से, उसके खाते में विभिन्न स्कीमों के तहत पैसे पहुँचते है। लेकिन यदि अपने देश में कोई सरकार जनकल्याण के लिए ऐसी योजनाएं बनाए तो केन्द्रीय वित्तमंत्री जी का मानना है कि इससे देश बर्बाद हो जाएगा क्योंकि फ्री एजुकेशन देना, शानदार सरकारी स्कूल बनवाना तो मुफ्त की रेवड़ियां बांटना है।

उन्होंने कहा कि विकसित देशों को अग्रणी व विकसित होने का कारण यही है कि उन्होंने अपने नागरिकों की बेहतरी के लिए निवेश किया| और अपने देश में दोस्तवादी सरकार, नागरिकों की बेहतरी में निवेश को मुफ्त की रेवड़ी बांटना बता रही है। आज भारत किसी भी इंडेक्स चाहे वो स्वास्थ्य,शिक्षा या पब्लिक वेलफेयर से संबंधित हो सभी में निचले पायदान पर खड़ी है क्योंकि देश की दोस्तवादी सरकार का यह मानना है कि गरीबों को बुनियादी सुविधाएं फ्री में मुहैया करवाना फ्री की रेवड़ी है और अपने दोस्तों के लोन माफ़ करना डेवलपमेंट है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय वित्तमंत्री जी को आज बेहद ध्यान से यह देखने कि जरुरत है कि भारत के विभिन्न राज्यों में भाजपा कि वो सरकारें जो पब्लिक वेलफेयर स्कीम को मुफ्त की रेवड़ी कहती है, सभी घाटे में चल रही है| उत्तर प्रदेश पर आज 81,000 करोड का कर्ज है, गुजरात पर 36,000 करोड़ का और मध्यप्रदेश पर 49,000 करोड़ का कर्ज है| वही दिल्ली में पिछले 7 सालों से सरकार फायदे में चल रही है क्योंकि वो जनता के वेलफेयर में निवेश कर रही है।

सिसोदिया ने कहा कि भाजपा कि दोस्तवादी सरकार वेलफेयर स्कीमों को फ्री की रेवड़ी बोलकर गरीब और गरीबी का मजाक बनाना बंद करें| उन्होंने कहा कि देश को यदि विकसित बनाना है तो उसका एकमात्र रास्ता जनकल्याण की योजनाओं में निवेश करने की जरुरत है, न की दोस्तवादी सरकार की तरह चंद लोगों के लाखों करोड़ रुपए के लोन व टैक्स माफ करके|

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Written By

Yashodhan Sharma

First published on: Aug 13, 2022 07:02 PM

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