राजस्थान में 2021 में सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को लेकर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है। दरअसल सिंगल बेंच ने भर्ती परीक्षा रद्द करने का आदेश जारी किया था। इस आदेश को हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में रखा गया। जिसके बाद सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगाई गई है। अब चयनित सब-इंस्पेक्टर ट्रेनिंग तो जारी रख सकेंगे, लेकिन उन्हें फील्ड पोस्टिंग नहीं मिलेगी। वहीं इस पूरे मामले में अगली सुनवाई 8 अक्तूबर को होगी, जिसमें सरकार को नोटिस के जवाब के साथ कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश भी दिया गया है।
859 पदों पर हुई है भर्ती
चेहरे पर उम्मीद की मुस्कुराहट लिए यह वही अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा पास कर सब-इंस्पेक्टर बनने का सपना देखा था। सब-इंस्पेक्टर बन भी गए इनकी ट्रेनिंग भी शुरू हो गई ,लेकिन हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने पेपर लीक और गड़बड़ी के आरोपों के आधार पर 28 अगस्त को पूरी भर्ती को ही रद्द कर दिया था। 859 पदों पर हुई यह भर्ती निरस्त होते ही चयनित सब-इंस्पेक्टरों की उम्मीदों पर ताला लग गया। इस फैसले के खिलाफ अभ्यर्थियों ने डबल बेंच का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने भी सिंगल बेंच के पैसे में कई खामियां पाए हुए उसके फैसले की क्रियान्विति पर रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया। चयनित सब-इंस्पेक्टरों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता तनवीर अहमद ने पक्ष रखा, वहीं असफल अभ्यर्थियों ने भी अपनी दलीलें कोर्ट में दीं।
कई सवालों के मांगे जवाब
वरिष्ठ अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि चयनित सब-इंस्पेक्टरों के वकील अदालत में सिंगल बेंच के फैसले की कई खामियां पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है मुस्लिम जांच एजेंसी की जी गोपी रिपोर्ट के आधार पर यह पूरा फैसला दिया गया। वह कैसे लीक हुई और क्या कुछ लोगों की गलती के लिए सबको सजा दिया जाना सही होगा ऐसे कई सवालों के जवाब मांगे गए हैं।