Rajasthan News: उदयपुर में शुक्रवार सुबह करीब 3 बजे सायरा थाना क्षेत्र के कमोल गांव की भील बस्ती के घर में तेंदुए ने देवाराम पुत्र भैराराम पर हमला कर दिया। इससे उनके दोनों हाथ जख्मी हो गए। उनकी हालत फिलहाल खतरे से बाहर है। हालांकि इस बार तेंदुए की मौत हो गई। गुस्साए ग्रामीणों ने तेंदुए को जान से मार दाला। हालांकि वह तेंदुआ आदमखोर है या नहीं, उसकी पुष्टि अभी वन विभाग की ओर से होनी बाकी है।
घटना विजयबावड़ी ग्राम पंचायत के केलवों का खेड़ा से 35 किमी. दूर कमोल गांव की है। इससे पहले आखिरी बार केलवों का खेड़ा गांव में 1 अक्टूबर को भी तेंदुए से हमले में एक महिला की मौत हो गई थी। पिछले 10 दिनों पुलिस और वन विभाग की टीम आदमखोर तेंदुए की तलाश में जुटी है।
डीएनए सैंपल की जांच करेगा वन विभाग
वन विभाग फिलहाल मृत तेंदुए और मृत व्यक्तियों के डीएनए सैंपल का मिलान करेगा। इसके अलावा वन्य जीव एक्सपर्ट की मानें तो तेंदुआ जहां भी शिकार करता है, वहां आसपास उसके बाल या पगमार्क जरूर छूटते हैं। इसी से मिलान किया जा सकता है। अगर मिलान हो जाता है तो तेंदुए की पुष्टि होगी।
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आदमखोर है या नहीं जांच का विषय
मामले में सायरा वन रेंज के रेंजर सुनील चौधरी ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा सूचना मिलने पर जाब्ते के साथ मौके पहुंचा। प्रथम दृष्टया किसी धारदार चीज के टकराने से तेंदुए की मौत हुई है। वह आदमखोर है या नहीं इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए छह अलग-अलग जगहों पर पिंजरे लगाए गए थे। दो पिंजरे राजसमंद से मंगवाए गए थे। दो पिंजरे नए बनवाए गए थे। ताकि तेंदुए को पकड़ा जा सके। इसके अलावा हरकत रखने के लिए भी 6 कैमरे लगाए गए हैं।
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तेंदुए के हमले में अब तक 7 की मौत
बता दें कि सायरा और उसके आसपास के इलाकों में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। आदमखोर तेंदुए का खौफ लोगों के मन में इस कदर हो गया है कि लोग ग्रुप में घरों से बाहर निकल रहे हैं। वहीं बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। वहीं डर के कारण ग्रामीण अब अपने पास हथियार रखते हैं। बता दें आदमखोर तेंदुए को ढुंढने के लिए पुलिस के 100 जवान और 12 शूटर तैनात किए गए हैं।