Udaipur Lok Sabha Seat 2024(केजे श्रीवत्सन): राजस्थान की सियासत में बरसों से एक बात कही जाती है कि जो मेवाड़ जीतता है, वही राजस्थान भी जीतता है। 2023 विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने इस कहावत को बदलने नहीं दिया। दरअसल, दक्षिणी राजस्थान में आने वाले मेवाड़ ने हमेशा से ही बीजेपी को राजनितिक लाभ दिया है। बता दें राजस्थान की कुल 200 विधानसभा सीट में से 25 सीट ST वर्ग के लिए आरक्षित हैं, जिसमें उदयपुर भी शामिल है। वहीं, उदयपुर डिवीजन में 16 सीट ST आरक्षित है। इस बार आगामी लोकसभा चुनाव में इस सीट से दो रिटायर प्रशासनिक अधिकारियों के बीच मुकाबला है।
उपमुख्यमंत्री डॉ. @DrPremBairwa ने आज टोंक में आयोजित युवा संवाद विकसित भारत संकल्प पत्र सुझाव कार्यक्रम में शामिल होकर युवाओं से संवाद करके उनका सुझाव प्राप्त किया।
---विज्ञापन---इस कार्यक्रम में टोंक-सवाई माधोपुर सांसद श्री @JaunapuriaSS, जिलाध्यक्ष श्री अजीत मेहता, जिला प्रमुख श्रीमती सरोज… pic.twitter.com/H9K13R2Biz
— BJP Rajasthan (@BJP4Rajasthan) March 15, 2024
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आदिवासी वोट बैंक होगा निर्णायक
कांग्रेस ने इस सीट से ताराचंद मीणा को टिकट दिया है। वहीं बीजेपी ने मन्नालाल रावत को यहां अपना उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही अपने कार्यकाल में क्षेत्र में काम कर चुके हैं। ऐसे में दोनों ही जनता की नब्ज को बेहतर तरीके से जानते हैं। जानकारों के अनुसार इस सीट पर आदिवासी वोट बैंक भी हैं, जो उम्मीदवार की सीट पर बड़ा प्रभाव रखते हैं।
प्रत्याशियों के बारे में जानें
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ताराचंद रिटायर कलेक्टर रहे थे। वह अपने कार्यकाल के दौरान 19 महीने के लिए उदयपुर में तैनात रहे थे। ताराचंद मीणा को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है। उन्हें इलाके के जनजाति समुदाय के लोगों की समस्याओं का पता है। वहीं, बीजेपी ने 53 साल के मन्नालाल रावत को टिकट दिया है। बतौर प्रशासनिक अधिकारी वे स्कूल कोलेजों के अलावा संघ के बौद्धिक कार्यक्रमों में भी वक्ता के रूप में बुलाए जाते रहे हैं। बता दें आदिवासी इलाकों में धर्मांतरण को लेकर वे काफी मुखर रहे हैं और आदिवासी जनजाति के लोगों के बीच अपनी पकड़ रखते हैं।
यह भी जानें
साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। 2023 विधानसभा चुनावों में यहां की कुल 16 विधानसभा सीटों में से बीजेपी के पास 7, कांग्रेस के पास 6 जबकि पहली बार चुनाव में उतरी BAP यानी भारतीय आदिवासी पार्टी ने तीन सीटें जीती थीं।