16वीं शताब्दी के सिसोदिया राजपूत राजवंश के महाराजा राणा सांगा पर समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने विवादित टिप्पणी की। इस पर राजस्थान में सियासी संग्राम छिड़ गया है। वहीं राणा सांगा के वंशज भी भड़के हुए हैं। उन्होंने विवादित टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राणा सांगा, महाराणा प्रताप के वंशज आज भी जीवित हैं और वे उदयपुर के पूर्व राजघराने के सदस्य हैं। उनके वंशजों में से एक राजघराने के पूर्व सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का हाल ही में लंबी बीमारी के चलते देहांत हुआ था।
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2 वंशजों का भाजपा से खास कनेक्शन
प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनके निधन पर शोक जाहिर किया था। इससे कुछ दिन पहले उनके भाई महेंद्र सिंह का देहांत हुआ था। इस समय उनके जीवित वंशज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और विश्वराज सिंह मेवाड़ हैं। यह दोनों वंश को आगे बढ़ाए हुए हैं। लक्ष्यराज सिंह राजस्थान में होटल्स की चेन संभाल रहे हैं। विश्वराज सिंह भाजपा के विधायक हैं। उनकी पत्नी महिमा सिंह भी भाजपा से सांसद हैं। इनके अलावा हनुवंत सिंह बोहेड़ा और रणधीर सिंह भींडर भी राणा संग के ही वंशज हैं। इन दोनों ने सांसद रामजी लाल सुमन की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
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हनुवंत सिंह बोहेड़ा की प्रतिक्रिया
राणा सांगा के वंशज हनुवंत सिंह बोहेड़ा ने टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश के नेताओं और जनता से प्रार्थना है कि कुछ भी कहने से पहले इतिहास जरूर पढ़ें। पृथ्वीराज चौहान के बाद राणा सांगा ने पूरे देश को एक झंडे के नीचे एकजुट करने का काम किया था। राणा सांगा ने बाबर को नहीं बुलाया था, बल्कि उन्होंने तो यह ज्ञान दिया था कि अगर अफगानिस्तान और हिंदुस्तान के बीच बने दर्रे में 10 हजार लोगों को खड़ा कर दें तो बाबर देश में घुस ही नहीं पाएगा।
उन्होंने ही राजाओं से उनके पुत्र मांगे थे और उन्हें सेना बनाकर दर्रे के बीचों-बीच खड़ा किया था। इसलिए समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन का बयान गलत है। बाबर खुद राणा सांगा से हार गया था। हमें गर्व है कि हम राणा सांगा की औलाद है। राणा सांगा और उनके परिवार ने देश के लिए कुर्बानियां दी। उनकी देशभक्ति के लिए किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।
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राणा सांगा को लेकर जानकारी का अभाव
राणा सांगा के वंशज और वल्लभनगर से पूर्व विधायक भाजपा नेता रणधीर सिंह भींडर ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा है कि हमें राणा सांगा की संतान होने पर गर्व है। हिंदुत्व की रक्षा के लिए राणा सांगा और उनके परिवार ने कुर्बानी दी। इतिहास नहीं जानने वालों से उनकी कुर्बानियों का सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। राणा सांगा के बारे में लोगों को कुछ भी पता नहीं है। उनके बड़ा देशभक्त कोई नहीं हुआ। पता नहीं नेताओं को क्या हो गया है, जो ऐसे बयान दे रहे हैं। सिर्फ राजनीति करने के लिए उनको ऐसे बयान नहीं देने चाहिएं। राणा सांगा ने पूरे देश को एकजुट किया था।
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राज्यसभा सांसद ने दिया था यह बयान
राज्यसभा में सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा था कि भाजपा का तकिया कलाम हो गया है। मुसलमानों में बाबर का DNA है तो भाजपा वाले यह बताएं कि फिर हिंदुओं में किसका DNA है? बाबर को भारत में कौन लाया? बाबर को इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा भारत लाया था। मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो हिंदू गद्दार राणा सांगा की औलाद हैं। यह हिंदुस्तान में तय हो ही जाना चाहिए। बाबर की आलोचना करते हैं, राणा सांगा की क्यों नहीं करते? इन्होंने अंग्रेजों की गुलामी की थी। हिंदुस्तान का मुसलमान बाबर को अपना आदर्श नहीं मानता है। वह मोहम्मद साहब और सूफी परंपरा को आदर्श मानता है।