Rajasthan: पुलवामा शहीदों की विधवाओं का विरोध तेज हो गया है। गुरुवार को मुंह में घास लेकर विधवाओं ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से न्याय की गुहार लगाई। बुधवार को महिलाओं ने सचिन पायलट के आवास पर प्रदर्शन किया। गुरुवार को वे सीएम अशोक गहलोत से मिलने उनके आवास की तरफ बढ़ीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। मौके पर पहुंचे बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि कार्रवाई में मारे गए सैनिकों की विधवाओं का राज्य सरकार ने अपमान किया है।
हम नहीं चाहते हिंसक प्रदर्शन
सांसद ने कहा कि महिलाएं 10 दिनों से प्रदर्शन कर रही हैं। जिनके पैसों से बंगलों में नेता बैठे हैं, उनसे वे मिलना चाहती हैं। बार-बार अनुरोध करने के बाद भी वह सीएम मिलने के लिए नहीं बुला रहे हैं। हम नहीं चाहते कि आंदोलन हिंसक हो, इसलिए महिलाओं ने अपने मुंह में हरी घास लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री गहलोत से मिलने का आग्रह किया है।
सांसद मीणा बोले- एक दानव भी पिछल जाता है
मीणा ने कहा कि राजस्थान के मंत्रियों ने विधवाओं की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि इतनी मिन्नत करने पर भी दानव पिघल जाता है। मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च के दौरान एक विधवा सुंदरी गुर्जर पुलिस से हाथापाई के बाद बेहोश हो गई। मीणा ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन स्थल पर एक एंबुलेंस खड़ी थी जो सिर्फ दिखावा करने के लिए थी और करीब आधे घंटे तक उसे अस्पताल नहीं ले गई। सरकार ने उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया है।
With grass in their mouths Pulwama widows seek justice from Rajasthan govt
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— ANI Digital (@ani_digital) March 9, 2023
क्यों नौकरी देने का किया था वादा
एक प्रदर्शनकारी मंजू ने कहा कि वे उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई चाहते हैं जिन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। मुख्यमंत्री से आग्रह करती हूं कि अगर वह हमें बैठक के लिए नहीं बुलाना चाहते हैं तो हमारे पास आएं। उन्होंने हमारे घर जाकर नौकरी देने की घोषणा क्यों की? उनके मंत्रियों ने भी कहा कि हमारी मांगें मानी जाएंगी। हम उनके खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं। पुलिस कर्मियों ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया। हम लिखित में अपनी मांगों की मंजूरी चाहते हैं।
हम उन पर बम नहीं फेकेंगे
एक अन्य प्रदर्शनकारी मधुबाला ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं तब तक वे अपना विरोध जारी रखेंगी।
हमसे मिलने में क्या समस्या है? हम आतंकवादी नहीं हैं जो उस पर बम फेंक देंगे। अगर वह हमसे मिलेंगे तो हम चले जाएंगे। जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक हम यहां बैठे रहेंगे। हम मुख्यमंत्री के बेटे की नौकरी नहीं छीन रहे हैं।
एक अन्य प्रदर्शनकारी विधवा सुंदरी देवी ने कहा, अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जब हमें लिखित में मिलेगा तो हम संतुष्ट होंगे। यहां तक कि सचिन पायलट ने भी अब तक हमारे लिए कुछ नहीं किया है।
गहलोत ने कहा था- किसी रिश्तेदार को नौकरी देना उचित नहीं
इससे पहले सीएम गहलोत ने कहा कि शहीद के बच्चों के अधिकारों को छीनकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना न्यायोचित नहीं है। भाजपा उन्हें अपने संकीर्ण राजनीतिक हित के लिए इस्तेमाल कर रही है।
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