Rajasthan voter list controversy: राजस्थान की सियासत में मतदाता सूची के कारण नया तूफान आ गया है. झोटवाड़ा के वायरल वीडियो से यह तूफ़ान उठा है. इसे लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं. वायरल वीडियो में मतदाता, BLO से उलझते दिख रहे हैं. उनका आरोप है कि BLO कभी उनके घर आए ही नहीं और उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है. जैसे ही वीडियो सामने आया, कांग्रेस ने इसे अपना बड़ा मुद्दा बना लिया. सवाल खड़े होने लगे—क्या बिहार की तर्ज़ पर राजस्थान में भी बड़े पैमाने पर नाम हटाने की तैयारी है! कांग्रेस नेताओं अशोक गहलोत और प्रताप सिंह खाचरियावास ने सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा—आख़िर इतनी जल्दबाज़ी क्यों? क्यों लोगों को अपना नाम जोड़ने का पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा?
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मतदाता सूची पर सियासत क्यों?
मतदाता सूची पर सियासत होने का कारण BLO पर दबाव का होना है. BLO पर दबाव का विवाद इसलिए भी गंभीर हो गया क्योंकि कुछ दिनों पहले एक BLO ने कथित दबाव की वजह से आत्महत्या कर ली. सरकार कहती है—घटना गंभीर है, जांच हो रही है, लेकिन सवाल सरकार से भी पूछे जा रहे हैं—क्यों BLO पर इतना बोझ?बीजेपी विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ा ने भी विधानसभा सचिव को पत्र लिखकर मांग की है कि शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से राहत देने की नीति बने. शिक्षक नेता भी यही कह रहे हैं—पढ़ाना हमारा काम है, चुनाव और दूसरे कामों का बोझ न डालें.
कांग्रेस के आरोपों को सरकार ने किया खारिज
उधर सरकार कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है. सरकार का कहना है—शिक्षक वर्षों से चुनाव कार्य करते आए हैं और बेहतरीन काम किया है. BLO पर दबाव का दावा बिल्कुल गलत है. सरकार का तर्क यह भी है कि कांग्रेस बेवजह मुद्दा बना रही है—न बिहार में यह आरोप चला, न राजस्थान में चलेगा. गौरतलब है कि पूरा राज्य पूछ रहा है—क्या यह एक प्रशासनिक कमी है?या फिर वाकई कुछ नाम हटाने की रणनीति चल रही है?सवाल बड़े हैं… जवाब अभी दूर हैं.
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