राजस्थान सरकार ने छात्र संघ चुनाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने हाई कोर्ट में लिखित में इसकी जानकारी दी। सरकार ने बताया कि लिंगदोह कमेटी की सिफारिश के अनुसार सत्र शुरू होने के 8 हफ्ते के भीतर चुनाव करवाया जाना था, लेकिन वह नहीं करवा पाई। इसीलिए इस सत्र में यह फैसला लिया गया है।
सरकार ने राजस्थान के कई यूनिवर्सिटी के कुल गुरुओं की रिपोर्ट का भी हवाला दिया और कहा कि यूनिवर्सिटी के कुलगुरु भी नहीं चाहते हैं कि अब छात्र संघ चुनाव हो।
कुछ दिन पहले हुआ था प्रदर्शन
बीते दिनों जयपुर में एनएसयूआई ने प्रदर्शन किया था। उसमें कई छात्र नेताओं ने उग्र प्रदर्शन किया था। इसके अलावा इस प्रदर्शन में छात्र नेताओं के साथ राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता भी शामिल हुए थे। इस प्रोटेस्ट के दौरान पुलिस ने छात्रों को भगाने के लिए वाटर कैनन इस्तेमाल किया था। कुछ को तो पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बता दें, इससे पहले भी अजमेर समेत अन्य जिलों में भी कई बार प्रदर्शन हो चुका है। छात्रों ने कहा था कि अगर इलेक्शन नहीं होंगे तो आंदोलन तेज होगा।
सरकार चुनाव के लिए नहीं तैयार
छात्रों के प्रदर्शन के बाद भी सरकार चुनाव के तैयार नहीं है। सरकार के मंत्रियों के मुताबिक, छात्रसंघ चुनावों के मुद्दों पर अभी यूनिवर्सिटी या कॉलेज प्रशासन फैसला लेने की किसी भी स्थिति में नहीं है। वहीं, कांग्रेस और छात्र संगठनों ने आरोप लगाया था कि सरकार छात्रों के गुस्से से डरी-सहमी है। इसलिए सरकार अभी इलेक्शन नहीं करवाना चाहती है।
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