Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान में चुनाव आयोग के मुताबिक अब तक भाजपा 115 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं कांग्रेस 70 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं बीएपी 2, बसपा 2 और निर्दलीय 7 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। बता दें कि प्रदेश में 25 नवंबर को 199 सीटों के लिए चुनाव हुए थे। वहीं गंगानगर की करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण वोटिंग नहीं हो सकी। इस बीच कुछ ऐसे दिग्गज चेहरे भी हैं जिनकी हार राजस्थान की सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी है।
1. राजेंद्र राठौड़- भाजपा के राजेंद्र राठौड़ वसुंधरा सरकार में कई बार कैबिनेट मंत्री के पद पर रह चुके हैं। इस बार पार्टी ने सीट बदलकर उन्हें तारानगर से उम्मीदवार बनाया था। यहां उन्हें कांग्रेस के नरेंद्र बुढ़ानिया से हार का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल उनकी सीट पर 16 राउंड की गिनती हो चुकी है और 3 राउंड की गिनती बाकी है। राठौड़ कांग्रेस प्रत्याशी बुढ़ानिया से 7 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं। ऐसे में उनकी सीट फिलहाल फंसी हुई है।
2. सीपी जोशी – कांग्रेस केे दिग्गज नेता सीपी जोशी इस बार नाथद्वारा सीट से मैदान में थे। 1980 में पहली बार विधायक बने सीपी जोशी को उनकेे राजनीतिक जीवन में दूसरी हार का सामना करना पड़ा है। यहां इस बार भाजपा ने मेवाड़ राजपरिवार के पूर्व सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ को प्रत्याशी बनाया था। विश्वराज सिंह ने सीपी जोशी को 20 राउंड की गिनती के बाद 7504 वोटों से पराजित किया।
3. नरपत सिंह राजवी- पूर्व सीएम भैंरोसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को चित्तौड़गढ़ सीट से पार्टी ने इस बार मैदान में उतारा था। यहां से पार्टी ने चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काट दिया था। इसके बाद वे निर्दलीय लड़े और जीत दर्ज की। राजवी इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें मात्र 19 हजार 913 वोट हासिल हुए।
4. प्रताप सिंह खाचरियावास- पूर्व सीएम भैंरोसिंह शेखावत के भतीजे और गहलोत सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास जयपुर की सिविल लाइंस विधानसभा से मैदान में थे। यहां भाजपा ने पूर्व पत्रकार गोपाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया था। गोपाल शर्मा ने खाचरियावास को 28 हजार 329 मतों से पराजित किया।
5. बीडी कल्ला- गहलोत सरकार के मंत्री बीडी कल्ला बीकानेर पश्चिम से मैदान में थे। यहां उन्हें भाजपा के जेठानंद व्यास ने 20 हजार 194 मतों से पराजित किया। बीडी कल्ला इस सीट से लगातार जीत दर्ज करते आए हैं। लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
6. विश्वेंद्र सिंह- गहलोत सरकार में पर्यटन मंत्री और भरतपुर राजपरिवार के पूर्व महाराजा विश्वेंद्र सिंह डीग-कुम्हेर से प्रत्याशी बनाया था। यहां उन्हें भाजपा के शैलेष सिंह ने 8 हजार से अधिक मतों से पराजित किया। इससे पहले वे इस सीट से लगातार जीतते आए हैं।