Rajasthan Election 2023 Congress Candidate List Kota: कांग्रेस ने शनिवार रात को 43 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी। कांग्रेस की इस सूची में सीएम अशोक गहलोत 3 सबसे खास सिपहसालार शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ का नाम नदारद था। तीनों ही नेता सितंबर 2022 में हुई बगावत के अगुवा थे। धारीवाल को तो सरकार में नंबर 2 माना जाता है। सीएम गहलोत की आलाकमान के सामने पैरवी को देखते हुए माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें अगली सूची में प्रत्याशी घोषित कर सकती है।
धारीवाल मजबूरी या मजबुती
सूत्रों की मानें तो सितंबर 2022 में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के समानांतर विधायक दल की बैठक बुलाने वाले शांति धारीवाल से पार्टी हाईकमान नाराज है। हालांकि हाईकमान से इस बात से भी वाकिफ है कि सीएम गहलोत शांति धारीवाल के प्रबल समर्थक है। ऐसे में हाईकमान उन्हें दरकिनार नहीं कर सकता। लेकिन गाहे-बगाहे प्रत्याशी घोषित नहीं कर सीएम और मंत्रियों को संकेत दे रहा है। एक और पहलू जो इसमें सामने आ रहा है वह है विकल्प की कमी। भाजपा की मेवाड़ में जबरदस्त मोर्चेबंदी के सामने कांग्रेस पिछड़ रही है। ऐसे में लग रहा है अगली सूची में पार्टी कोटा से शांति धारीवाल को एक बार फिर मैदान में उतार सकती है।
हाड़ौती में कांग्रेस ने घोषित किए 2 प्रत्याशी
पिछले विधानसभा चुनाव में हाड़ौती की 17 सीटों में पार्टी ने 7 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं भाजपा ने 10 सीटों पर विजय हासिल की थी। सीएम वसुंधरा राजे और स्पीकर ओम बिड़ला के प्रभुत्व वाले इस क्षेत्र में भाजपा से पहले ही बहुत मजबूत हैं। वहीं गुलाबचंद कटारिया के राज्यपाल बनाए जाने के बाद पार्टी ने मेवाड़ राजपरिवार के विश्वराज सिंह को पार्टी में शामिल कराकर बड़ा दांव खेल दिया है। पार्टी ने अब तब हाड़ौती की 17 में से 2 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे हैं।
इन सीटों पर कभी पराजित नहीं हुई भाजपा
पार्टी ने पहली सूची में हिंडौली से मंत्री अशोक चांदना और दूसरी लिस्ट में गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया को अंता से उम्मीदवार बनाया है। बात करें कोटा की तो कोटा में पार्टी पिछले तीन चुनावों से नईमुद्दीन गुड्डू को टिकट दे रही है वहीं एक बार उनकी पत्नी को भी टिकट दिया था। तीनों ही बार कांग्रेस को यहां से हार का सामना करना पड़ा। वहीं कोटा उत्तर विधानसभा में मुस्लिमों की संख्या अधिक है लेकिन सेफ सीट होने की वजह से पार्टी यहां से शांति धारीवाल को उम्मीदवार बनाती आई है। वहीं कोटा दक्षिण, रामगंजमंडी, लाडपुरा की सीटों पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करती आई है।
सांगोद में हार सकती है कांग्रेस
वहीं कोटा की सांगोद विधानसभा से भी कांग्रेस के लिए मुश्किलें सामने आने वाली है। यहां कांग्रेस के वर्तमान विधायक और सीएम गहलोत के विरोधी रहे भरत सिंह ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। सांगोद सीट से यह प्रचलन में रहा है यहां एक बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस को जीत दर्ज करती रही है। ऐसे में भरत सिंह के चुनाव नहीं लड़ने से कांग्रेस में कई उम्मीदवार सामने आ गए हैं। वहीं पार्टी को भरत सिंह के चुनाव नहीं लड़ने सीट गंवाने का डर भी है।