राजस्थान समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं और तीन राज्यों ने भाजपा को बहुमत मिला है। ये राज्य हैं राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़। राजस्थान में भाजपा ने किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं घोषित किया था। अब जीत मिलने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा। इसे लेकर अगर भाजपा के दिग्गज नेताओं की मानें तो पार्टी नेतृत्व किसी ऐसे नेता को मुख्यमंत्री बना सकता है जिसने चुनाव नहीं लड़ा। जबकि चुनाव लड़ने वाले नेता को उपमुख्यमंत्री पद मिल सकता है।
प्रदेश की 199 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना रविवार को हुई थी। इसमें भाजपा ने 115 सीटें अपने नामकर विशाल जीत दर्ज की। इसके बाद से ही मुख्यमंत्री पद के लिए नाम का चयन करने के लिए भाजपा नेताओं की लगातार बैठकें हो रही हैं। सूत्रों के अनुसार पुर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को जयपुर में अपने विधायकों की एक बैठक बुलाई है। वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और विधायक बाबा बालकनाथ को दिल्ली बुलाया गया है।
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मुख्यमंत्री पद की दौड़ में ये नाम हैं शामिल
प्रदेश भाजपा प्रमुख सीपी जोशी को भी दिल्ली से बुलावा आया है। मुख्यमंत्री पद के लिए जो चेहरे दौड़ में शामिल हैं उनमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्विनी वैष्णव, सीपी जोशी, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और ओम माथुर के नाम प्रमुख हैं। ये वो नेता हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था लेकिन चुनाव को लेकर जमकर मेहनत की थी। वसुंधरा राजे भी मुख्यमंत्री पद की दावेदार हैं। दिया कुमारी और किरोड़ीमल मीना का नाम भी लिया जा रहा है।
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सोशल इंजीनियरिंग कार्ड खेलेगी भाजपा
पार्टी नेताओं का कहना है कि भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए सोशल इंजीनियरिंग कार्ड खेलना चाहती है। साल 2024 में होने वाले आम चुनाव में अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने और जीत का प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए पार्टी दलित या मीना कार्ड खेल सकती है। हालांकि इसे लेकर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के स्तर पर ही लिया जाएगा। दिल्ली में इस पद के लिए नाम तय करने के बाद जयपुर में भाजपा विधायक दल की एक बैठक होगी। मुख्यमंत्री पद के लिए नाम का एलान इसी बैठक में किया जाएगा।