Kailash Choudhary Rajasthan BJP President: राजस्थान में भजनलाल शर्मा, दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के शपथ ग्रहण के बाद अब सबकी नजरें संगठन पर टिकी है। अब जल्द ही प्रदेश के स्तर पर संगठन मे बड़ा बदलाव हो सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी एक बार फिर प्रदेशाध्यक्ष बदल सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह पहली बार होगा जब पार्टी सिर्फ 6 महीने बाद ही अध्यक्ष बदल देगी।
जानकारी के अनुसार पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले जाटों को अपने पक्ष में करने के लिए किसी जाट चेहरे संगठन की कमान सौंप सकती है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को इस पद पर नियुक्त किए जाने की संभावना है। भाजपा ने ही जाटों को ओबीसी की सूची में शामिल कर आरक्षण का लाभ दिया था लेकिन जाट समय-समय पर पाला बदलते रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि शेखावटी और मारवाड़ के जाटों का ध्रुवीकरण रोकने के लिए पार्टी ये कदम उठा सकती है।
लोकसभा चुनाव से पहले सोशल इंजीनियरिंग पर जोर
जाट राजस्थान की 60 विधानसभा सीटों पर सीधा प्रभाव रखते हैं। यहां पर वे किसी भी पार्टी के लिए समीकरण बिगाड़ सकते हैं। पहले यह माना जा रहा पार्टी दो डिप्टी सीएम में से एक पद पर जाट चेहरे को आगे रख सकती है मगर डिप्टी सीएम पद राजपूत और एससी के खाते में चला गया ऐसे में जाटों को साधने के लिए पार्टी यह कदम उठा सकती है। वहीं वर्तमान अध्यक्ष सीपी जोशी को पार्टी केंद्रीय मंत्रिमंडल में ले सकती है। बजट सत्र से पहले केंद्र में मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है ऐसे में पार्टी खाली हुई जगह को भरने के लिए यह बड़ा कदम उठा सकती है।
मंत्रिपरिषद में जाट और गुर्जर चेहरों को मिलेगा मौका
वहीं मंत्रिपरिषद के नाम फाइनल करने के लिए सीएम भजनलाल शर्मा आज दिल्ली आएंगे। यहां वे पार्टी आलाकमान और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मिलेंगे। ऐसे में जाट और गुर्जर वोट बैंक को साधने के लिए पार्टी मंत्रिपरिषद अधिक से अधिक जाट, गुर्जर और ओबीसी चेहरों को शामिल कर लोकसभा चुनाव से पहले जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश करेगी।