Rajasthan Assembly Elections Voting and 1.5 Lakh Marriages on Devuthani Ekadashi: चुनाव आयोग ने आज यानी सोमवार को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम समेत राजस्थान में विधानसभा चुनावों की तारीकों का ऐलान कर दिया है। इसी ऐलान के साथ पांचों राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है। इस बीच राजस्थान के लिए एक समस्या खड़ी हो गई है। करीब 5 महीने के बाद राजस्थान में शादी का मौसम 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ शुरू होने वाला है, जबकि इसी 23 नवंबर को राज्य में मतदान होगा।
राज्यों में हैं विधानसभा चुनाव
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की। राजस्थान में 23 नवंबर को मतदान होगा, जबकि नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
जैसे ही चुनाव आयोग ने राजस्थान के लिए तारीखों की घोषणा की, वैसे ही राज्य में राजनीतिक दल चिंतित हो गए हैं। इसका कारण यह है कि इसी दिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार देवउठनी एकादशी है। इस दिन बड़ी संख्या में शादियों का आयोजन होता है।
पिछले साल हुई थीं एक लाख शादियां
परंपरागत रूप से राजस्थान में इस दिन बड़ी संख्या में शादियां होती हैं। पिछले आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य भर में इस दिन करीब एक लाख शादियां होती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार 23 नवंबर को राजस्थान में 1.5 लाख से ज्यादा शादियां होने की उम्मीद है। ऐसे में शादियों के कारण वोटिंग पर बड़े पैमाने पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
इस वर्ष देवशयनी एकादशी 29 जून 2023 को थी, जिसके बाद सभी शुभ कार्य रुक गए थे। करीब 5 महीने के बाद 23 नवंबर को राजस्थान में शादी का मौसम शुरू होने वाला है। देवउठनी एकादशी को किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए सबसे बड़ा अबूझ सावा भी माना जाता है। राज्य भर के गांवों में इस दिन परिवार सामूहिक विवाह आयोजित करने के लिए जाने जाते हैं।
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नेताओं के मन में हैं ये सवाल
ऐसे में हर राजनेता के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या मतदाताओं को अपनी शादी के जश्न के बीच बाहर जाकर वोट करने का समय मिलेगा? कई लोग शादियों के लिए विभिन्न यात्रा भी करेंगे। ऐसे में वो वोट देने के लिए कैसे जाएंगे, ये सबसे बड़ा सवाल है? इतना ही नहीं, पुलिस और प्रशासन को लाने-ले जाने के लिए भारी संख्या में वाहनों की भी जरूरत होगी।