Rajasthan Assembly Elections 2023, जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता के लागू होने से पहले घोषणाओं का दौर जारी है। इसी बीच राज्य में जातीय समीकरणों को साधने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 8 अलग-अलग बोर्डों के गठन को मंजूरी दे दी है। इन बोर्डों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और तीन सरकारी सदस्यों के साथ ही 5-5 गैर सरकारी सदस्यों की नियुक्ति भी कर दी जाएगी। बता दें कि राजस्थान समेत देश के पांच राज्यों में होन जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर विभिन्न राजनैतिक पार्टियों की तरफ से अपने-अपने स्तर पर ताकत झोंकने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही।
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दरअसल, दो-तीन दिन बाद ही राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर शेड्यूल घोषित होने ही वाला है। इससे पहले मिशन रिपीट के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक से बढ़कर एक दांव खेलने में लगे हैं। हाल ही में दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने रोडवेज के मंथली पास में प्रदेश की महिलाओं को 90 प्रतिशत की छूट, मंत्रालययी कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने के लिए निदेशालय स्थापित करने और गिग वर्कर्स के खाते में 5-5 हजार रुपए डालने की घोषणा की थी।
शुक्रवार को प्रदेश में 3 नए जिलों के गठन का भी ऐलान कर दिया गया, वहीं विभिन्न जातियों के लोगों को अपना वोटबैंक बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने 8 बोर्डों का गठन किए जाने को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार की तरफ से घोषित 8 बोर्डों में राजस्थान राज्य राजा बली कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य वाल्मीकि कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य मेघवाल कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य पुजारी कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य केवट कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य जाटव कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य धानक कल्याण बोर्ड और राजस्थान राज्य चित्रगुप्त कायस्थ कल्याण बोर्ड में अध्यक्ष के अलावा, उपाध्यक्ष, तीन सरकारी सदस्य और 5-5 गैर सरकारी सदस्य भी अप्वाइंट कर दिए जाएंगे। जानकारी यह भी मिली है कि इन बोर्डों के सरकारी सदस्यों में प्रांत के विभिन्न विभागों के डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, कमिश्नर्स, सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी भी शामिल किए जाएंगे।
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