Jaipur News: (केजे श्रीवत्सन, जयपुर) राजस्थान विधानसभा में इन दिनों बजट सत्र चल रहा है। इस बीच कांग्रेस और बीजेपी सरकार के बीच गतिरोध भी देखने को मिला था। शुक्रवार को भी गर्मागर्मी सामने आई। वहीं, एक ऐसा मामला शुक्रवार को हुआ, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल भजनलाल सरकार के जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी को उस वक्त शर्मिंदगी का सामना करना पड़ गया, जब वे आदिवासियों के सबसे बड़े महापुरुषों में शुमार बिरसा मुंडा के बारे में बिना कागज पढ़े कुछ भी नहीं बोल पाए।
बजट पर हो रही थी चर्चा
मंत्री खराड़ी सरकार की बजट को लेकर की गई विभागीय घोषणाओं के तहत आज आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे। खराड़ी चर्चा के बीच सवालों के जवाब दे रहे थे, लेकिन यह सबके लिए चौंकाने वाली बात थी कि जिस आदिवासी समाज से खुद वे आते हैं, जिन आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम को लेकर वे जनता के बीच वोट मांगने जाते हैं, ऐसी ही आदिवासी पहचान कहे जाने वाले बिरसा मुंडा के बारे में वे बिना पढ़े कुछ भी नहीं बोल पाए।
#राजस्थान के जनजातीय मंत्री #बाबूलालखराड़ी #बिरसामुंडा जी के बारे में बिना कागज पड़े आगे बोल ही नहीं पाए. पूरे 1 मिनट 3 सेकंड तक कागज ढूंढते रहे. नहीं मिला, तो बोले- फिर कभी उनके बारे में बताऊंगा pic.twitter.com/Bk9pROjjCE
— Srivatsan (@kj_srivatsan) February 28, 2025
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एक मिनट तक ढूंढते रहे गायब पन्ना
दरअसल विधानसभा में मंत्री ने अपने विभाग के लिए बजट आवंटन पर चर्चा के बीच सवालों का जवाब देते हुए सबसे पहले आदिवासी महापुरुषों के बारे में बताना शुरू किया था। बिरसा मुंडा का जिक्र किया तो उनके हाथ में पहले से लिखकर लाए गए पन्नों में से एक गायब था, जिसे मंत्री पूरे 1 मिनट और 5 सेकंड तक ढूंढते रहे। हैरानी की बात है कि जब उनको यह पन्ना नहीं मिला तो मंत्री बिरसा मुंडा के बारे में आगे कुछ भी नहीं बोल पाए। कुछ देर रुकने के बाद उन्होंने कहा कि वे फिर कभी विस्तार से इस बारे में बात करेंगे।
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