Rajasthan News: राजस्थान के डीग से गिरफ्तार पाकिस्तानी जासूस कासिम से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पूछताछ कर रही है। बता दें कि कासिम 90 दिनों तक पाकिस्तान में रहा भी था। अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि कासिम को जासूसी के बदले पाकिस्तान से अलग-अलग किश्तों में करीब 2 लाख रुपए (पाकिस्तानी करेंसी) अबतक मिल चुके हैं।
हमले से पहले डिलीट किया था डेटा
पुलिस पूछताछ में कासिम ने बताया है कि उसने हमले से पहले ही अपने फोन से सारा डेटा डिलीट कर दिया था। कासिम ने बताया है कि जब पहलगाम हमला हुआ और भारत में जासूस पकड़े जाने लगे, तब इसने अपने फोन से डेटा डिलीट कर दिया था। हालांकि, पुलिस फोन की फॉरेंसिक जांच करवा रही है और इसके दावों को वेरीफाई कर रही है।
फॉरेंसिक रिपोर्ट करेगा बड़े खुलासे
पुलिस ने कासिम के फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। फॉरेंसिक की रिपोर्ट आने के बाद ये साफ हो पाएगा कि कासिम ने अब तक पाकिस्तान के साथ क्या और कितनी इनफॉरमेशन शेयर की है। इसके अलावा कासिम की कॉल डिटेल्स भी निकाली जा रही है, जिससे ये पता चल सकेगा कि भारत आने के बाद वो भारत में कहा-कहा गया और किस-किस से संपर्क में रहा।
डॉक्यूमेंट्स में मिले सबूत
कासिम के दस्तावेजों की जांच में सामने आया है कि पहलगाम हमले के करीब 1 हफ्ते पहले ही वो पाकिस्तान से वापस भारत आया है। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान में कासिम के रिश्तेदार रहते हैं। इसी का फायदा उठाकर वो पाकिस्तान गया और वहां ISI के संपर्क में आया। ISI ने कासिम को बताया कि तुम्हारा भाई अनीस हमारे लिए काम करता है, तुम हमारे लिए भी करो। क्योंकि तुम मौलवी हो और लोग तुम्हारी बातों पर विश्वास करेंगे।
कासिम के भाई की हो रही तलाश
सूत्रों की मानें तो कासिम को बाकायदा जासूसी की ट्रेनिंग दी गई है कि कैसे आर्मी के संपर्क में आना है और कैसे सावधानी बरतनी है कि वो पकड़ा न जाए। पुलिस के सूत्रों ने यह भी बताया कि कासिम का भाई असीन अभी फरार है, उसकी तलाश की जा रही है। वो भी कई बार पाकिस्तान जा चुका है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम कासिम के गांव भी पहुंची है, जहां रिश्तेदारों और करीबियों से पूछताछ की जाएगी।
दो अन्य जासूसों से भी हो रही पूछताछ
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को जानकारी देने के आरोप में रविन्द्र वर्मा और उसकी बहन से भी पूछताछ की जा रही है। रविन्द्र वर्मा कलवा के शिवशक्ति नगर में अपनी मां और बहन के साथ रहता था। बताया जा रहा है कि उसका एक भाई था जिसकी कुछ साल पहले कैंसर से मृत्यु हो गई थी। रविन्द्र एक डिफेंस से जुड़ी निजी कंपनी में कार्यरत था, जहां उसकी मासिक आय 16, 000 रुपये थी।
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