राजधानी जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने चिकित्सा क्षेत्र में एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया है. यहां सर्जरी विभाग की टीम ने एक मानसिक रूप से अस्वस्थ युवक के पेट और फूड पाइप से नुकीली और भारी मेटल सामग्री, घड़ी, नट-बोल्ट और कीलें निकालकर उसकी जान बचा ली.
मानसिक रोगी निगल गया लोहे की वस्तुएं
बागौर निवासी 26 वर्षीय सुभाष पिछले डेढ़ महीने से मानसिक रूप से बीमार था. इसी दौरान उसने घड़ी, कील, नट-बोल्ट जैसी कई धातु की वस्तुएं निगल लीं. कुछ ही हफ्तों बाद उसे तेज पेट दर्द और उल्टियों की शिकायत होने लगी, जिसके बाद परिजनों ने उसे SMS अस्पताल के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया.
जांच में डॉक्टरों ने देखा कि उसकी फूड पाइप में घड़ी फंसी हुई है, जबकि आंतों में कई नुकीली धातुएं फंसी थीं. स्थिति गंभीर थी.
हाई-टेक सर्जरी से निकाली गई पेट की वस्तुएं
पहले डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी के जरिए मेटल निकालने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद जनरल सर्जन डॉ. शालू गुप्ता और डॉ. फारुख खान की टीम ने VATS (वीडियो असिस्टेड थोरैकोस्कोपिक सर्जरी) तकनीक का सहारा लिया. यह एक आधुनिक सर्जरी पद्धति है जिसमें बिना बड़े चीरे के दूरबीन की मदद से सर्जरी की जाती है.
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करीब 3 घंटे चले ऑपरेशन में पहले घड़ी को सफलतापूर्वक निकाला गया, फिर पेट में छोटा चीरा लगाकर नट, बोल्ट और कीलें भी बाहर निकाली गईं. ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और सुभाष की स्थिति अब स्थिर है. डॉक्टरों के मुताबिक, समय पर इलाज नहीं होता तो मेटल के कारण आंत फटने और इन्फेक्शन से जान का खतरा था.