जयपुर: राजस्थान विधानसभा में बनवाया गया डिजिटल संग्रहालय (म्यूजियम) उद्धघाटन होने के बाद ही विवादों में घिर गया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के बाद अब विधायक दिव्या मदेरणा ने म्यूजियम में लगवाई गई मूर्तियों को लेकर नाराजगी जताई है। इस मामले को लेकर परसराम मदेरणा की पोती दिव्या मदेरणा ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इस बारे में एक पत्र भी लिखा है। बता दें राजस्थान विधानसभा में खुला देश का पहला डिजिटल संग्रहालय है।
मालूम हो कि राजस्थान विधानसभा में राजनीतिक इतिहास से परिचय करवाने के उद्देश्य से एक राजनीतिक आख्यान संग्रहालय बनाया गया है जहां लगे राजनीतिक हस्तियों के स्टेच्यू को लेकर लगातार आपत्ति दर्ज करवाई जा रही है।
दिव्या मदेरणा ने जताई आपत्ति
दिव्या मदेरणा ने अपने दादा और किसान नेता परसराम मदेरणा के स्टेच्यू की फोटो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि यह की से भी मदेरणा जैसी नजर नहीं आ रहे हैं। इसे तुरंत बदला जाए। परसराम की पोती दिव्या ने यह भी लिखा कि “मुझे इस बात का ध्यान है कि हूबहू मूर्ति बनाना आसान नहीं है, लेकिन परसराम जी की इस मूर्ति में बिल्कुल भी समानता नहीं है।”
This statue does not resemble Late Shri Parasram Maderna ji minutely also.I will write to @drcpjoshi ji and will request him to replace this statue immediately. I do understand we can’t reach perfection in a sculpture but this one has absolutely no resemblance of him. https://t.co/2fsV17PxIX
---विज्ञापन---— Divya Mahipal Maderna (@DivyaMaderna) November 11, 2022
इनसे पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी जताई थी आपत्ति
बता दें, इससे पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी खुद के स्टेच्यू की बनावट को लेकर भी आपत्ति जताई थी। वसुंधरा राजे की आपत्ति के बाद विधानसभा में उनकी मूर्ति को बदलने का फैसला लिया गया था, जिसे कुछ ही दिनों में बदल दिया जाएगा। वहीं सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि स्टेच्यू नेताओं से मिलते-जुलते नहीं है। बता दें कि म्यूजियम में परसराम मदेरणा से लेकर भैरोंसिंह शेखावत और वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के स्टेच्यू लगाए गए हैं।
देश का पहला डिजिटल संग्राहलय
राजस्थान विधानसभा में देश का यह पहला डिजिटल संग्रहालय (म्यूजियम) है जहां प्रदेश के राजनीतिक,आर्थिक, कृषि और सामाजिक विकास को दिखाया गया है। वहीं म्यूजियम 14 नवंबर को बाल दिवस के दिन आम लोगों के लिए खोला जाएगा जहां एक महीने तक बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। संग्रहालय में प्रदेश में अब तक रहे 13 मुख्यमंत्रियों और 17 विधानसभा अध्यक्षों के स्टूच्यू बनाए गए हैं।
2019 में इसको बनाने की घोषणा हुई थी
उल्लेखनीय है कि सीएम अशोक गहलोत ने 29 जुलाई 2019 को राजस्थान की राजनीतिक गतिविधियों के केंद्र में अत्याधुनिक राजनीतिक आख्यान संग्रहालय राजस्थान विधानसभा भवन में बनाने की घोषणा की थी। जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने इसे तैयार किया है। विधानसभा भवन की ऊपरी व निचले भूतल में स्थित 26 हजार स्क्वायर फीट में बना यह विशाल संग्रहालय अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से राजस्थान की गौरवमयी गाथा और राजनीतिक आख्यानों को प्रस्तुत करता है। संग्रहालय में जनप्रतिनिधियों और निर्माताओं के योगदान को देखा जा सकता है।