राजस्थान में लाउड स्पीकर को लेकर बीजेपी विधायक बालमुकुंदाचार्य के बयान को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच राज्य के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने चेतावनी दी है कि नियम कायदों के विपरीत तेज ध्वनि में लाउड स्पीकर बजाकर सरकार को इसके लिए कानून बनाने पर मजबूर नहीं करना चाहिए। वहीं, भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य को ‘नमूना’ बताए जाने के गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर अब हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
बालमुकुंदाचार्य के समर्थकों और संत समाज ने किया धरना-प्रदर्शन
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ बालमुकुंदाचार्य के समर्थकों और संत समाज ने गुरुवार को धरना-प्रदर्शन किया और कांग्रेस पार्टी एवं डोटासरा से माफी की मांग की। इससे पहले बुधवार रात राजधानी जयपुर में भी बालमुकुंदाचार्य समर्थकों ने रैली निकाली और प्रदर्शन किया।
‘डोटासरा का बयान अध्यात्म और साधु संतों का अपमान’
भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य ने गुरुवार को कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा का बयान अध्यात्म और साधु संतों का अपमान है। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डोटासरा ने विधानसभा स्पीकर के लिए भी अपमानजनक शब्द इस्तेमाल किए थे और टेबल पर चढ़ने का प्रयास किया था। ऐसे शब्द बोलने का उनका स्वभाव है। भाजपा विधायक ने कहा कि यह कांग्रेस की भी सोच और मानसिकता है कि उनकी सरकार में गौ माता को बचाने के लिए संत दिल्ली में बैठे थे तो उन पर गोलियां चलाई गई थीं। कांग्रेस के लोग मंदिर नहीं बना पाए, लेकिन इसके विरोध में खड़े रहे। विधायक बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि डोटासरा के बयान के विरोध में पूरे राजस्थान, एमपी, हरियाणा के संत अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं।
क्या कहा था डोटासरा ने?
दरअसल, 5 वक्त के नमाज की आजान के दौरान लाउड स्पीकर को लेकर बाल मुकुंदाचार्य ने जो बयान दिया था, उस पर डोटासरा ने भाजपा विधायक को ‘नमूना’ बताते हुए तंज कसा था कि उनके बयान कहीं किसी को आक्रोशित ना कर दें, इसलिए सुरक्षा बढ़ा देनी चाहिए।
डोटासरा के विरोध में सड़कों पर उतरा संत समाज
बता दें कि बालमुकुंदाचार्य खुद हाथोज धाम के महंत हैं, ऐसे में संत समाज के साथ-साथ उनके समर्थक डोटासरा के विरोध में सड़कों पर उतर आए। वहीं, इस मामले में पूछे जाने पर भजनलाल सरकार के कानून और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने एक कदम आगे बढ़कर साफ कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट के नियमों के विपरीत जाकर तेज धवनी में लाउड स्पीकर बजाना गलत है। पटेल ने कहा कि सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है, लेकिन अगर जरूरी हुआ तो लाउड स्पीकर पर रोक लगाने के लिए कानून लाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
क्या कहा जोगाराम पटेल ने?
जोगाराम पटेल ने कहा कि मैं कोई नकारात्मक बात नहीं करता। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि सभी धर्म को अपनी पूजा पद्धति का अधिकार है। उसे हम स्वीकार करते हैं, लेकिन जो सर्वोच्च न्यायालय और हाईकोर्ट के निर्देश सिद्धांत लागू किए गए हैं उनका पालन सबको करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई कानून के बाहर जाकर ऐसा काम करता है तो सरकार को मजबूरन इस संबंध में कोई कानून लाना होगा। उन्होंने कहा कि अभी तक हमारा ऐसा कोई विचार नहीं है, लेकिन आवश्यकता पड़ी तो सरकार कानून लाने में जरा भी नहीं हिचकिचाएगी।