Rajasthan News: पानी की कीमत राजस्थान के किसानों से बेहतर और कोई नहीं जानता। भारत में 80 फीसदी किसान फसलों के लिए मानसून पर निर्भर करते हैं। ऐसे में गहलोत सरकार का सूक्ष्म सिंचाई मिशन किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है।
जयपुर के जोबनेर निवासी 38 वर्षीय फूलचंद बैरवा इस मिशन का फायदा उठाया हैं। फूलचंद ने बताया कि वे पहले परंपरागत तरीके से खेती करते थे। पानी की कमी के कारण समय पर सिंचाई नहीं हो पाती थी। जिसके कारण फसलें बर्बाद हो जाती थी।
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इसके बाद मुझे राज्य सरकार की सूक्ष्म सिंचाई मिशन के तहत संचालित बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति की जानकारी मिली। जानकारी मिलने के बाद मैंने डेढ़ हैक्टेयर खेत में फॉर्म पॉउंड तैयार किया। जिसमें ड्रिप सिस्टम के जरिये पूरे खेत में बूंद-बूंद सिंचाई होने लगी।
किसानों को मिलता है 70 फीसदी अनुदान
बता दें कि इस योजना के तहत प्रदेश में अधिकतम 5 हैक्टेयर के खेत में ड्रिप सिस्टम लगवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर किसानों को 70 फीसदी अनुदान दिया जाता है, वहीं लघु एवं सीमांत किसानों, महिला किसानों और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसानों को 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान दिया जाता है।
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ड्रिप सिस्टम से आमदनी में हुई बढ़ोतरी
उन्होंने बताया कि 1 लाख 80 हजार की लागत से ड्रिप सिस्टम तैयार किया गया। इस सिस्टम के लगाने में आये खर्च का भुगतान राजस्थान सरकार ने किया। फूलचंद ने बताया कि इस सिस्टम से 90 फीसदी पानी की बचत हुई और आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई। वे चाहते है कि ज्यादा से ज्यादा किसान भाई इस योजना का लाभ उठाये।
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