चूरू: राजस्थान के कर्नल रमेश सिंह राठौड़ का उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। उनके बड़े बेटे सूर्यवंश सिंह राठौड़ ने उनको मुखाग्नि दी। इस दौरान लोगों ने शहीद रमेश सिंह राठौड़ अमर रहे, भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए। इस मौके पर सैकड़ो की संख्या में लोगों का हुजूम उनके अंतिम दर्शनों को उमड़ा।
बता दें भारतीय सेना में कर्नल रमेश सिंह राठौड़ शहीद हो गए तथा गुरुवार शाम को सैनिक सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी गई सूचना मिलते ही समूचे गांव में शोक की लहर छा गई। पुरे गाँव में चुला तक नहीं जला। सुबह से ही शहीद के घर पर गांव के लोग पहुंचना शुरू हो गए तथा शहीद परिवार को सांत्वना दे रहे थे।
पैदल जा रहे थे ड्यूटी
जानकारी के अनुसार, चूरू जिले के निवासी कर्नल रमेश सिंह राठौड़ (49) सेना के शिलांग हेड क्वार्टर 101 एरिया में कर्नल-ए (12 आर्म्ड रेजिमेंट) के पद पर तैनात थे। मंगलवार देर शाम को ड्यूटी के बाद पैदल अपने घर लौट रहे थे। इस दौरान रास्ते में स्कॉर्पियो ने उनको टक्कर मार दी। कर्नल राठौड़ की मौके पर ही मौत हो गई।
गांव में पसरा सन्नाटा
शहीद की मौत की सूचना के बाद समूचे गांव में दिनभर सन्नाटा सा पसर रहा। शाम 4:30 बजे लगभग शहीद का पार्थिव शरीर सेना के अधिकारी लेकर गांव में पहुंचे तो समूचे गांव में भारत जिंदाबाद, रमेश सिंह राठौड़ अमर रहे के नारों से गांव गूंज उठा। गांव में स्थित उनके निवास स्थान पर में जैसे ही उनका पार्थिव शरीर पहुंचा तो घर में कोहराम मच गया। हर कोई नम आंखों से परिवार जनों को सांत्वना दे रहा था।
भारत जिंदाबाद नारों से गूंजा पूरा गांव
इस अवसर पर सेना के जवान और अधिकारियों ने उनके पार्थिव शरीर पर तिरंगा अर्पित कर पुष्पक चक्कर एवं श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा जवानों ने शव यात्रा प्रारंभ होने से पहले शहीद को कंधा देकर अंतिम यात्रा शुरू की। यात्रा के दौरान गांव घनाऊ ही नहीं बल्कि आसपास के गांव के लोग पहुंचे थे तथा भारत जिंदाबाद एवं शहीद रमेश सिंह राठौड़ अमर रहे के नारों से ग्रामीण अंचल गूंज उठा था।