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राजस्थान

‘एक चूक ने छीनी 8 जिंदगियां, 20 मिनट बाद आग पर ध्यान दिया गया’, पढ़ें मृतकों के परिजनों की आपबीती

Jaipur Hospital Fire: जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में हुए अग्निकांड और 8 लोगों की मौत के लिए लोगों ने अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. लोगों का गुस्सा मंत्री जवाहर के सामने फूटा और उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन की गलती और लापरवाही के कारण उनके मरीजों की जान गई है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Oct 6, 2025 08:21
SMS Hospital Fire | Jaipur | Rajasthan
अस्पताल में हुए अग्निकांड से मृतकों के परिजनों में आक्रोश है.

Jaipur SMS Hospital Fire: जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में ICU वार्ड में आग लगने से 8 लोगों की जान चली गई. हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है, लेकिन मृतकों के परिजन गुस्से में हैं और उन्होंने गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेड़म के सामने भी अपनी भड़ास निकाली. लोगों ने उन्हें आपबीती सुनाई और कहा कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण मरीजों की जान गई है. आग लगते ही सबसे पहले डॉक्टर अपनी जान बचाकर भागे. वार्ड बॉय भी दम घुटने के कारण बाहर चले गए, उन्होंने खुद अपने मरीजों को बाहर निकाला.

20 मिनट किसी ने आग पर ध्यान नहीं दिया

एक मृतक के परिजन शेरू ने बताया कि उन्होंने जब स्टोर से धुंआ निकलते हुए देखा तो अस्पताल कर्मचारी अवधेश कुमार पांडे को बताया. वह यह कहते हुए चला गया कि सिक्योरिटी को बुलाकर लाता हूं. करीब 20 मिनट तक किसी ने आग पर ध्यान ही नहीं दिया. इतनी देर में धुंआ पूरे वार्ड में भर गया था. फायर अलार्म बजने लगे थे, उसके बावजूद सिक्योरिटी गार्ड नहीं आए. वे किसी तरह अपने मरीज को लेकर वार्ड से निकले और उनके पीछे बाकी लोग भी आए, लेकिन बाहर निकलने का एक रास्ता होने और धुंआ भरने के कारण उन्हें कुछ नजर नहीं आया, इसलिए बाहर निकलने में समय लग गया.

अस्पताल के स्टाफ ने ही लापरवाही बरती

मृतक बहादुर के परिजनों ने बताया कि स्टोर में लगी आग को अस्पताल प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया. जब तक उन्होंने ध्यान दिया, आग भड़क चुकी थी और पूरे वार्ड में धुंआ भर गया था. स्टोर पर ताला लगा था, जिसकी चाबी लेने गया कर्मचारी तो वापस ही नहीं आया. स्टाफ को कई बार बताया कि धुंआ आने लगा है, लेकिन वे इधर-उधर टहलते रहे. स्टोर की चाबी आने से तक वार्ड में धुंआ भर गया और अफरा-तफरी मच चुकी थी. स्टाफ के कुछ लोग तो अपनी जान बचाने के लिए दौड़े, उन्होंने मरीजों के बारे में सोचा तक नहीं.

पाइप और ट्यूब पिघलने से आई दुर्गंध

शेरू ने बताया कि वार्ड में जो मशीनें लगी थीं, उनमें लगी प्लास्टिक पाइप और ट्यूब पिघलने लगी थी, जिससे काफी दुर्गंध आई. किसी तरह अपना मुंह कवर करके मां को बेड समेत बाहर लेकर गया. मां कई दिन से अस्पताल में भर्ती थी और वेंटिलेटर पर थी. काफी मशक्कत से सभी चीजें संभालते हुए बाहर लेकर गया, लेकिन जब डॉक्टर उन्हें दूसरे वार्ड में ले गए तो उन्हें साथ नहीं जाने दिया और उनके बारे में कुछ बताया भी नहीं. करीब 2 घंटे बाद बताया कि मां की मौत हो गई है. उन्होंने मां को देखने की इच्छा जताई, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया.

First published on: Oct 06, 2025 08:05 AM

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