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राजस्थान

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की अपील पर 34 साल बाद आया HC का फैंसला, बतौर वकील पेश की थी याचिका

Rajasthan HC Decision On Vice President Jagdeep Dhanakad Petition: राजस्थान हाईकोर्ट ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ द्वारा 34 साल पहले दायर एक याचिका पर अहम फैंसला सुनाया है बता दें कि यह फैंसला लापरवाही से हुई हत्या के मामले में सुनाया गया है। धनकड़, तब राजस्थान हाईकोर्ट में वकील थे उस दौरान आरोपी की सज़ा घटाकर […]

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Sep 19, 2023 17:09

Rajasthan HC Decision On Vice President Jagdeep Dhanakad Petition: राजस्थान हाईकोर्ट ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ द्वारा 34 साल पहले दायर एक याचिका पर अहम फैंसला सुनाया है बता दें कि यह फैंसला लापरवाही से हुई हत्या के मामले में सुनाया गया है। धनकड़, तब राजस्थान हाईकोर्ट में वकील थे उस दौरान आरोपी की सज़ा घटाकर सीमित कर दी गई थी।

कोर्ट ने सुनाई चार साल कैद की सजा

याचिका पर कोर्ट ने अपना निर्णय देते हुए कहा कि यदि प्रतिवादी(Defendant) दो महीने के भीतर लगाए गए जुर्माने का भुगतान नहीं करता है तो वह ‘डिफ़ॉल्ट पनिसमेंट’ का भागी होगा। खास बात यह है कि इसकी अपील उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बतौर वकील पेश की थी जिसमें एडीजे कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या के आरोप में शिकायतकर्ता को चार साल की कैद और एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।

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जस्टिस महेंद्र गोयल ने सुनाया फैंसला

बता दें कि साल 1989 में जस्टिस महेंद्र गोयल ने गुरुदयाल सिंह की याचिका पर यह फैंसला सुनाया है। यह याचिका वकील जगदीप धनखड़ द्वारा दायर की गयी थी। गुरुदयाल की वकील भावना चौधरी ने कोर्ट में कहा कि 6 मार्च 1988 को अलवर के किशनगढ़ बास थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी, रिपोर्ट में कहा गया था कि राजेंद्र सिंह को चाकू मारकर घायल कर दिया गया है और जांच के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। जिसके कारण आरोपी पर हत्या का आरोप लगाया गया।

वकील ने कहा, घटना 35 साल पुरानी

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि घटना 35 साल पुरानी है और अब उनकी उम्र 83 साल हो गई है। कोर्ट में वकील ने यह दलील देते हुए कहा कि ऐसे में उनकी सजा पिछली सजा से कम की जानी चाहिए।

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First published on: Sep 19, 2023 05:00 PM

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