राजस्थान में वनपाल भर्ती परीक्षा-2022 पेपर लीक मामले में एसओजी को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. इस मामले के सरगना को गिरफ्तार कर लिया गया है. पहले सरकारी टीचर रह चुका सरगना पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था. जबरा राम जाट नाम के सरगना को गुजरात से गिरफ्तार किया गया है.
25 लाख में खरीदा था पेपर
एसओजी एडीजी विशाल बंसल के मुताबिक, जबरा राम इतना शातिर था कि उसने सीधे प्रिंटिंग प्रेस से ही पेपर खरीदा था. इसके लिए उसने करीब 25 लाख रुपए दिए थे. फिर इस पेपर से उसने करीब 1.5 करोड़ रुपए की कमाई कर ली. पेपर हाथ में आते ही उसने कई चैनल्स के जरिए बेच दिया था.
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बांसवाड़ा से उदयपुर तक नेटवर्क
इस भर्ती परीक्षा में धांधली की शुरुआती शिकायतें बांसवाड़ा से आईं. यहां डमी कैंडिडेट्स भी सामने आए थे. इसके अलावा कुछ उम्मीदवारों को पहले से सवाल और जवाब पढ़ाए गए थे. जांच में खुलासा हुआ कि जबरा राम के दो खास सिपहसालार भी थे. उसके साथी गुड़ामालानी निवासी हीरालाल ने बांसवाड़ा में दर्जनों अभ्यर्थियों को पहले ही सवाल और उत्तर पढ़वाए थे. वहीं, दूसरे साथी कंवराराम ने उदयपुर में पेपर लीक कराया. उसके बदले जमकर नोट छापे. जांच के बाद ये दोनों पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. पूछताछ में उन्होंने साफ बताया कि पेपर उन्हें जबरा राम ने ही दिया था.
पूर्व शिक्षक गैंग का सरगना
जबरा राम कभी सरकारी स्कूल में शिक्षक था. वह साल 2019 में गुड़ामालानी के डांगरिया की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत था. पेपर लीक के पिछले मामलों में भी उसका नाम सामने आया था. इसके बाद सरकार ने उसे बर्खास्त कर दिया था. अब इस केस में मास्टरमाइंड साबित होने के बाद लंबे समय से फरार चल रहा था.
गुजरात से दबोचा
फरार जबरा राम को पकड़ने के लिए डीआईजी परिस देशमुख के नेतृत्व में विशेष टीम बनी थी. टीम ने लगातार ट्रैकिंग के बाद गुजरात पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार कर लिया. अब उससे आगे की पूछताछ की जा रही है. पुलिस उससे पूछताछ में इसमें शामिल दूसरे लोगों और पैसे के लेन-देन के बारे में उगलवाना चाह रही है.










