Delhi To Jaipur: दिल्ली से सड़क मार्ग के जरिए जयपुर जाने वालों के लिए अच्छी खबर है। दिल्ली से जयपुर की दूरी अब कम हो गई है। जी, हां ये बिलकुल सच है। दिल्ली से जयपुर जाने में जहां पहले 5 घंटे का समय लगता था, अब आपको राष्ट्रीय राजधानी से राजस्थान की राजधानी जाने में सिर्फ साढ़े तीन घंटे का समय लगेगा।
दरअसल, प्रधानमंत्री राजस्थान के दौसा में 18,100 करोड़ रुपए से अधिक की सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। वे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड का भी उद्घाटन करेंगे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के राजस्थान फेज के खुलने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर करीब साढ़े तीन घंटे का हो जाएगा।
PM Modi to visit Rajasthan on 12th February & Karnataka on 13th February.
PM will lay foundation stone of road projects worth more than Rs 18,100 crores in Dausa, Rajasthan. He will also inaugurate Delhi – Dausa – Lalsot section of Delhi-Mumbai Expressway. pic.twitter.com/qZT9ex504V
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) February 11, 2023
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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की बड़ी बातें जो आपको जाननी चाहिए
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दिल्ली और मुंबई को जोड़ेगा। इस हाइवे से यात्रा का समय लगभग 12 घंटे कम हो जाएगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट फेज को 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है।
ये भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के राजस्थान फेज के उद्घाटन को 2024 के आम चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से बड़े बुनियादी ढांचे के रूप में देखा जा रहा है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 1,386 किमी की लंबाई के साथ भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। इससे दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा की दूरी 50% कम हो जाएगी। दिल्ली से मुंबई की यात्रा में आपको 24 की जगह 12 घंटे का समय लगेगा।
छह राज्यों से गुजरेगी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे में आठ लेन होंगे और यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे छह राज्यों से होकर गुजरेगी। इनमें दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं। ये एक्सप्रेसवे कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगा।
पशुओं की भी सुरक्षा का रखा गया है ध्यान
कहा जा रहा है कि यह देश के आर्थिक परिवर्तन में एक प्रमुख योगदान देगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान पशुओं की सुरक्षा का ध्यान रखा गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण में 25,000 लाख टन डामर की खपत होगी, जबकि 4,000 से अधिक प्रशिक्षित सिविल इंजीनियरों को काम के दौरान नियोजित किया जाएगा।
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