Rajasthan CM Ashok Gehlot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य सरकार ने कृषकों और पशुपालकों के कल्याण के लिए फैसले किए गए। गहलोत ने कहा कि देश में पहली बार अलग से कृषि बजट, कृषक कल्याण कोष का गठन, 2000 यूनिट प्रति माह निःशुल्क कृषि बिजली जैसे निर्णयों से किसानों को ताकत मिला है।
राजस्थान मिशन-2030 के तहत कार्यक्रम
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को चौमूं के खेल स्टेडियम में राजस्थान मिशन-2030 के तहत कृषि एवं बागवानी कार्यक्रम में शामिल हुए। अशोक गहलोत ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों और पशुपालकों को राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए।
प्राकृतिक आपदाओं के नुकसान की भरपाई
गहलोत ने कहा कि राजस्थान कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना के तहत किसान अपने उत्पादों की प्रोसेसिंग और मार्केटिंग कर रहे हैं। इस योजना में नई इकाई बनाने के लिए 2 करोड़ रुपए दिए जा रहे है। प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान पर भी सरकार ने सर्वे करके राहत दी है। कृषि यंत्रों की खरीद पर भी छूट दी जाती है।
40-40 हजार रुपए का मुआवजा
मुख्यमंत्री ने कहा कि 40 हजार रुपए प्रति दूध पशु बीमा उपलब्ध कराने वाली कामधेनु पशु बीमा योजना वरदान साबित हो रही है। साथ ही, लम्पी रोग से मर रहे गायों के लिए 40-40 हजार रुपए का मुआवजा दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा किसानों की जमीन की कुर्की रोकने के लिए भी कानून बनाया गया। पिछले 5 साल में 51 कृषि महाविद्यालय खोले गए हैं, जहां विद्यार्थी कृषि क्षेत्र में भविष्य संवार रहे हैं।
दूध एवं दलहन सहित राजस्थान पहले स्थान पर
गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत राजस्थान में 125 दिन के रोजगार से ग्रामीणों को आर्थिक मदद मिला है, इसलिए सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की चर्चा पूरे देश में हो रही है। किसानों की आर्थिक मजबूती के लिए पहली बार अलग से कृषि बजट पेश कर प्रोत्साहन दिया गया। दूध एवं दलहन सहित विभिन्न फसलों के उत्पादन में राजस्थान पहले स्थान पर है।
कार्यक्रम में शामिल लोग
इस कार्यक्रम में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्रीमती शकुन्तला रावत, शाहपुरा विधायक श्री आलोक बेनीवाल, पूर्व विधायक श्री भगवान सहाय सैनी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी तथा कृषि एवं बागवानी से जुड़े किसान मौजूद रहें।
(Zolpidem)