जयपुर: भारत जोड़ो यात्रा से पहले राजस्थान कांग्रेस में फिर से बवाल मच सकता है। लेकिन इस बार यह बवाल कांग्रेस के भीतर से ना होकर भाजपा के तरफ से मचाया गया है। विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राजस्थान हाईकोर्ट मैं PIL दायर की है। इस याचिका में कहा गया है कि राजस्थान में कांग्रेस के 91 विधायकों ने 25 सितंबर को दावा किया था कि हमने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे सौंप दिए हैं।
बता दें राजेंद्र राठौड़ द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया है कि उसके 90 से ज़्यादा विधायक लोग इस्तीफ़ा दे चुके हैं जबकि तीन महीने होने को आए। उनके इस्तीफ़े पर विधानसभा अध्यक्ष इतने दिन बाद भी कोई फ़ैसला नहीं ले रहे हैं। नियम के अनुसार स्वेच्छा से दिये हुए इस्तीफ़े पर विधानसभा अध्यक्ष को फ़ैसला लेना चाहिए। वहीँ उन्होंने ये भी बताया कि कोर्ट में इस मामले की पैरवी वो खुद ही करेंगे।
आपको बता दें उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने वकील हेमंत नाहट के साथ पेश होकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अब हाईकोर्ट अगले सप्ताह मामले की सुनावई कर सकता है।
ये था पूरा मामला
दरअसल, गहलोत समर्थक विधायकों ने 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के बाद 25 सितंबर को देर शाम मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी के नेतृत्व में विधायकों से साइन करवाए गए। इसके बाद स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफा सौंप दिया गया। स्पीकर जोशी ने इन इस्तीफों पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
भाजपा अध्यक्ष फिर मिलेंगे राज्यपाल से
वहीं इस मामले को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि इस्तीफों के मामले को लेकर राज्यपाल कलराज से मिलेंगे। पहले भी बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला था। अब विधायकों के इस्तीफे का मामला कोर्ट पहुंच गया है तो सबकी निगाहें न्यायालय के स्टेण्ड पर टिक हैं और राजस्थान की राजनीति में फिर से यह मामला चर्चा का विषय बना गया है।