नेता प्रतिपक्ष विधानसभा टीकाराम जूली के मंदिर में जाने के बाद गंगाजल से शुद्धिकरण करके विवादों में आए से निलंबित नेता ज्ञानदेव आहूजा ने बीजेपी के कारण बताओं नोटिस का जवाब दे दिया है। नोटिस का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञानदेव आहूजा ने आज तक ना तो कभी माफी मांगी है ना कभी आगे मांगेगा। खुद पर दलितों के अपमान के लगे आरोपों पर उन्होंने सफाई देते हुए पार्टी की प्रदेश इकाई के महामंत्री को अपना जवाब भेजा है कि वह हमेशा दलितों के सम्मान के साथ खड़े रहने वाले नेता हैं। मेवात के अपने निर्वाचन क्षेत्र अलवर में तीन बार के विधायक होने के दौरान उन्होंने दलितों के हितों के लिए हमेशा आवाज उठाई है।
केवल कांग्रेस को लेकर विरोध था
ऐसे में किसी भी दलित नेता के अपमान की वे सोच भी नहीं सकते और जहां तक अलवर में मंदिर में उस दिन गंगाजल से शुद्धिकरण की बात है तो वे कहना चाहते हैं कि उन्होंने केवल कांग्रेस नेताओं के मंदिर में आने का विरोध करते हुए टीकाराम जुली के आने पर मंदिर में गंगाजल का छिड़काव किया था। इसलिए नहीं कि वह दलित नेता है या दलितों को लेकर उनकी कभी मंशा गलत थी। उन्होंने कहा कि वह दलितों के लिए हमेशा संघर्ष करने वाले नेता हैं। फिर से यह कहना चाहते हैं कि उन्होंने कोई गलती नहीं की बस उनका विरोध केवल और केवल कांग्रेस को लेकर था। रहा माफी मांगने का सवाल तो ज्ञान देव आहूजा ने ना तो कभी माफी मांगी है और ना ही मांगेगा।
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प्रदेश अध्यक्ष आगे का फैसला करेंगे
उधर, भाजपा के संगठन मंत्री दामोदर अग्रवाल का कहना है कि ज्ञानदेव आहूजा का जवाब मिल गया है जवाब को प्रदेश अध्यक्ष के पास भिजवाया जाएगा और प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ही इस पर आगे का फैसला करेंगे। गौरतलब है की 3 दिन पहले एक मंदिर में गंगाजल के छिड़काव से शुद्धिकरण किए जाने को लेकर बहुत बवाल मचा था । बीजेपी में इससे खुद को अलग कर लिया था और बैक फुट पर आ गई थी। वहीं , कांग्रेस ने अपने अहमदाबाद के राष्ट्रीय अधिवेशन में इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए दलित अपमान के साथ जोड़ दिया था। मामला तुल पकड़ते देख बीजेपी ने आहूजा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करके तीन दिन में कारण बताओ नोटिस का जवाब मांगा था।
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