1993 Serial Bomb Blast Case: राजस्थान के अजमेर जिले की टाडा अदालत ने गुरुवार को 1993 सिलसिलेवार बम धमाकों के आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया। वहीं, उसके साथ आरोपी बनाए गए हमीमुद्दीन और इरफान उर्फ पप्पू को उम्र कैद की सजा सुनाई है। टुंडा के वकील शफिकतुल्ला सुल्तानी ने कहा कि अदालत ने अब्दुल करीम टुंडा को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। सीबीआई अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ कोई भी मजबूत सबूत पेश करने में विफल रही।
VIDEO | A TADA Court in Ajmer, Rajasthan, acquits Abdul Karim Tunda in 1993 serial bomb blasts case.
---विज्ञापन---"The honourable court has acquitted Abdul Karim Tunda from all the charges. The CBI failed to present any strong evidence against Abdul Karim Tunda," says Tunda's advocate… pic.twitter.com/5iuoZ4OY32
— Press Trust of India (@PTI_News) February 29, 2024
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‘अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है’
वकील ने कहा कि अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है। उसे सभी धाराओं और सभी अधिनियमों में बरी कर दिया गया है। सीबीआई अभियोजन पक्ष टाडा, आईपीसी, रेलवे अधिनियम, शस्त्र अधिनियम (Arms Act) या विस्फोटक पदार्थ अधिनियम (Explosive Substances Act) में अदालत के समक्ष कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका। इरफान और हमीदुद्दीन को दोषी ठहराया गया है।
#WATCH | Advocate Shafqat Sultani says, "Abdul Karim Tunda is innocent, today the Court gave this judgement. Abdul Karim Tunda has been acquitted in all Sections and all Acts. CBI prosecution could not produce any concrete piece of evidence before the court in TADA, IPC, Railway… https://t.co/1zHBSGON4u pic.twitter.com/9V1k7Z11I0
— ANI (@ANI) February 29, 2024
30 सितंबर 2021 को टुंडा के खिलाफ तय किए गए आरोप
अजमेर की टाटा कोर्ड ने 30 सितंबर 2021 को अब्दुल करीम उर्फ टुंडा, इरफान और हमीमुद्दीन के खिलाफ लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई में 1993 में ट्रेनों में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में आरोपी बनाया था। उन पर टाडा, विस्फोटक अधिनियम, पीडीपी एक्ट और रेलवे एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए गए थे।
Ajmer, Rajasthan | TADA (Terrorist & Anti-disruptive Activities Act) court acquits 1993 serial bomb blasts' main accused Abdul Karim Tunda.
— ANI (@ANI) February 29, 2024
छह ट्रेनों में हुए थे सिलसिलेवार धमाके
बता दें कि 5 और 6 दिसंबर 1993 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर छह राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में सिलसिलेवार विस्फोट हुए थे, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी। अब्दुल करीम टुंडा पहले गाजियाबाद जिले में बंद था, लेकिन इसके बाद उसे 24 सितंबर 2021 को अजमेर स्थानांतरित कर दिया गया। बता दें कि टाडा अधिनियम के तहत पकडे़ गए आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए देशभर में केवल मुंबई, अजमेर और श्रीनगर में विशेष अदालतें हैं।
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अब्दुल करीम टुंडा कौन है?
अब्दुल करीम टुंडा यूपी के हापुड़ जिले के पिलखुवा कस्बे का रहने वाला है। वह 1993 में हुए बम धमाकों के समय लश्कर-ए-तैयबा का विस्फोटक एक्सपर्ट था। उसने मुंबई के जलीस अंसारी, नांदेड़ के आजम गौरी के साथ मिलकर तंजीम इस्लाम उर्फ मुस्लिम संगठन बनाकर बाबरी विध्वंस का बदला लेने के लिए 1993 में पांच प्रमुख शहरों में ट्रेन विस्फोट किए थे। टुंडा 1996 में दिल्ली में पुलिस हेड क्वार्टर के सामने हुए विस्फोट मामले में भी आरोप है। उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
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